अजमेर (अजमेर मुस्कान)। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के द्वितीय चरण के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन जिला कलक्टर लोक बन्धु की अध्यक्षता में मंगलवार को किया गया। बैठक में ब्लॉक स्तरीय समितियों से प्राप्त अनुमोदित डीपीआर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन पर चर्चा की गई।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना ने बताया कि द्वितीय चरण की अवधि एक अप्रैल से 30 जून 2027 तक निर्धारित की गई है। इस चरण में जिले की 9 पंचायत समितियों में जल संरक्षण संबंधी विभिन्न कार्यों का अनुमोदन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस चरण में जिले की 9 पंचायत समितियों की 42 ग्राम पंचायतों के 78 गांवों का चयन किया गया है। जो कुल 61255 हैक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा। अभियान के सफल क्रियान्वयन में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण, महात्मा गांधी नरेगा, पंचायती राज, जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, कृषि, उद्यान तथा वन विभाग की अहम भूमिका रहेगी।
उन्होंने बताया कि डीपीआर तैयार करने के लिए पूर्व स्थित संरचनाओं का प्री-सर्वे किया गया एवं सभी विभागों द्वारा प्रस्तावित नवीन कार्यों को जियो-टैग किया गया है। जिले में कुल 2734 कार्यों के लिए 9135.02 लाख रूपए की परियोजना प्रस्तावित की गई है। इन्हें जून 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने निर्देश दिए कि तालाबों के मरम्मत कार्य पंचायतवार लिए जाएं तथा पूर्व में वंचित रह गए कार्यों को भी इस चरण में सम्मिलित किया जाए। साथ ही उन्होंने भौतिक लक्ष्य को बढ़ाकर, निर्धारित लक्ष्यानुरूप कार्यों का अनुमोदन तैयार कर समय पर प्रेषित करने के निर्देश दिए। आईईसी गतिविधियों के तहत चयनित गांवों में सामुदायिक रैलियों, विद्यालयों के छात्रों तथा स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता से रथ यात्राएं एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण के अंतर्गत कृषि योग्य भूमि पर फार्म पॉण्ड, खडीन, मेडबंदी, पाइपलाइन, स्पि्रंकलर तथा उद्यानिकी पौधारोपण जैसे कार्य कराए जाएंगे। वहीं अकृषि योग्य भूमि पर संकन पॉण्ड, मिनी परकुलेशन टैंक, परकुलेशन टैंक, अमृत सरोवर, सीसीटी, स्ट्रेगढ ट्रेंच, पुराने जल संग्रहण ढाँचों का जीर्णाेद्धार, नहर निर्माण, हैंडपंप के साथ सोख्ता गड्ढा, टांका तथा चारागाह विकास जैसे कार्य प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार नालों के उपचार के लिए एनीकट, पक्के चेकडेम, एलएससीडी, नाला बैंक स्थिरीकरण, एनीकट का पुनर्नवीकरण तथा सब सरफेस बैरियर जैसे संरचनात्मक कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 का यह द्वितीय चरण जिले में जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन तथा जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर सहायक वन संरक्षक विभा चौधरी, हाइड्रोलॉजिस्ट महेंद्र चौहान, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक संजय तनेजा, सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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