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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण : वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण : वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

लोक अदालत की भावना से फिर जुड़े परिवार, बच्चों को मिला माता- पिता का दुलार

546788 मामलों का हुआ निस्तारण, 324991171 रुपए के हुए अवार्ड पारित

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण 22 मार्च को वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। लोक अदालत की भावना से बढ़ी संख्या में वादी व परिवादीगण ने अपने मसलों पर सहमति जताते हुए सुलह की व वर्षो से चल रहे विवाद एवं मानसिक व आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाई। चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेन्द्र कुमार ढ़ाबी, मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम के न्यायाधीश नीरज कुमार भारद्वाज, पारिवारिक न्यायालय संख्या 01 के न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह एलडीएम तथा अन्य अधिकारीगण एवं अधिवक्तागण उपस्थित रहे। 

इस अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेन्द्र कुमार ढ़ाबी ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के क्रम में जनवरी माह से ही तैयारिया शुरू कर दी गई थी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला एवं सेशन न्यायधीश के अध्यक्ष संगीता शर्मा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश के सचिव महेन्द्र कुमार ढ़ाबी की अध्यक्षता में न्यायक्षेत्र के विभिन्न न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक आयोजित की जाकर लम्बित प्रकरणो के राजीनामे की भावना से निस्तारण के लिए समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सचिव द्वारा अजमेर न्यायक्षेत्र की विभिन्न बार काउंसिल के अधिवक्तागण के साथ चर्चा की गई। उन्हें अधिकाधिक प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने अधिवक्तागण को पक्षकारों को लोक अदालत की भावना के अनुरूप राजीनामे से प्रकरणों के निस्तारण करवाने के आवश्यक निर्देश दिए ताकि पक्षकारान को शीघ्र न्याय प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त राजस्व प्रकरण, प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को अधिक से अधिक राष्ट्रीय लोक अदालत में रखने के लिए विभिन्न विभागो के नोडल अधिकारी, बैंक एवं निजी वित्तीय संस्थान के साथ समय-समय पर बैठक की गई। इन सभी प्रयासो के फलस्वरूप ही वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन संभव हो सका है। 

राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल अयोजन के लिए मुख्यालय पर 10 बेंचो का गठन किया गया। न्यायालयों के लिए 6 बेंच, राजस्व मंडल के लिए एक बेंच, राजस्व प्रकरणों के लिए एक बेंच, तथा स्थाई लोक अदालत एवं जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग द्वारा चिन्हित किए गए प्रकरणों के लिए एक बेंच, प्री लिटिगेशन प्रकरणों के लिए बेंच गठित की गई है। ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी, तालुका पर दो दो बेंच जिनमें एक न्यायालयों द्वारा चिन्हित किए गए प्रकरणों के लिए तथा एक बेंच राजस्व प्रकरणों के लिए गठित की गई। नसीराबाद, सरवाड़, विजयनगर, पुष्कर, मसूदा के लिए एक -एक बेंच गठित की गई। इस प्रकार कुल 21 बैंच गठित की गई है। इस प्रकार कुल 21 बेंचों का गठन किया जाकर प्रकरणो के अधिकाधिक निस्तारण का प्रयास किया गया।  प्रत्येक बेंच में न्यायिक प्रकरणों के लिए गठित की गई बेंच में एक पैनल अधिवक्ता को सदस्य बनाया गया तथा राजस्व प्रकरणों के लिए गठित की गई बेंच में सेवारत राजस्व अधिकारी को सदस्य बनाया गया। मुख्यालय पर स्थित समस्त पैरा लीगल वोलेंटियर्स की ड्यूटी लोक अदालत के प्रचार प्रसार एवं हेल्प डेस्क पर लगाई गई।

अतिरिक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार के क्रम में विभाग के पैरा लीगल वोलेंटियर्स द्वारा आयोजित किये जाने वाले विधिक जागरूकता शिविरों के माध्यम से पैम्पलेट वितरित किए गए, विभिन्न दर्शनीय स्थानों पर पोस्टर लगवाए गए एवं आम जन को लेाक अदालत का महत्व एवं लाभों की जानकारी दी। इसी क्रम मंे मोबाइल वैन के द्वारा विभिन्न गांवों एवं शहरी क्षेत्र के इलाकों में विधिक जागरूकता दी गई। 

अजमेर न्याय क्षेत्र में लम्बित 1 लाख से 2 लाख रू तक की राशि के एन. आई एक्ट के समस्त लम्बित प्रकरणों में पक्षकारान् को प्री काउसलिंग हेतु नोटिस जारी किए गए तथा निरन्तर प्री काउसलिंग आयोजित की गई। 

इसी के साथ वाणिज्यिक न्यायालय में कुल 70 प्रकरणों को चिन्ह्ति किया गया। इसमें से 13 प्रकरण का निस्तारण गया तथा जिसमें 11327941 रूपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में 1026 प्रकरणों को चिन्ह्ति किया गया जिसमें से 187 प्रकरण का निस्तारण गया तथा इसमें 98302169 राशि का अवार्ड पारित किया गया।

महेन्द्र ढ़ाबी ने बताया कि न्याय क्षेत्र की विभिन्न न्यायालयों में प्री लिटिगेशन से संबंधित धन वसूली के सभी प्रकार के विवाद से सम्बन्धित 231520 मामले रखे गए। इनमें से 216391 मामलों का निस्तारण हुए व कुल 66116006 रुपए की अवार्ड राशि दी ।

धारा 138 एन.आई. एक्ट से सम्बन्धित कुल 13714 मामले रखे गए जिनमें से 614 मामले निस्तारित हुए एवं कुल 118449215 रुपए की अवार्ड राशि दी गई। इसके अलावा अन्य सिविल मामलों में 1876 मामले, वैवाहिक विवाद, बालको की अभिरक्षा, भरण पोषण में 193 प्रकरण निस्तारित किए गए।

इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 581562 मामले रखे गए जिनमें से 546788 मामलों का निस्तारण हुआ और 324991171 रुपए की अवार्ड राशि हुई पारित।

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