अजमेर (अजमेर मुस्कान)। निमोनिया बिगड़ने से गंभीर अवस्था में मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर में भर्ती 13 वर्षीय बच्ची का डॉक्टर्स की टीम ने सफल उपचार किया। बच्ची का निमोनिया इतना बिगड़ गया था कि उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर केवल 30 प्रतिशत रह गया था और उसे तान (झटके) भी आ रहे थे।
गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने तुरंत उसे वेंटिलेटर पर रखा और लगातार सात दिनों तक विशेष चिकित्सीय देखरेख की गई। कुल 12 दिनों तक अस्पताल में चले गहन उपचार के बाद बच्ची को स्वस्थ कर घर भेज दिया गया। फॉलोअप में आने पर बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ पाई गई।
डॉक्टर्स का कहना है कि समय पर उचित इलाज मिलने से बच्ची स्वस्थ हो सकी। अजमेर के पटेल नगर तोपदड़ा क्षेत्र में रहने वाले विकास खोडवाल ने मित्तल हॉस्पिटल के चिकित्सकों और मेडिकल टीम का आभार व्यक्त किया। विकास खोडवाल ने बताया कि बेटी को प्रारंभ में बुखार की शिकायत होने पर निजी चिकित्सक को दिखाकर दवाई दिलवा दी थी किंतु उसका बुखार नहीं टूट रहा था साथ ही सांस की तकलीफ भी शुरू हो गई थी। बेटी की स्थिति अधिक खराब हुई तो पास के नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया किन्तु वहां भी वह ठीक नहीं हो सकी इस दौरान उसे तान भी आने लगी।
मित्तल हॉस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग विभाग के डॉ प्रशांत माथुर, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ सुनील परिहार, डॉ प्रीति गर्ग और पीआईसीयू की पूरी टीम ने उनकी बेटी का बहुत अच्छे से उपचार किया।
मित्तल हॉस्पिटल के डॉ प्रशांत माथुर ने बताया कि रोगी के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा मात्र 30 प्रतिशत थी। सामान्य रूप से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा करीब 94 प्रतिशत होनी चाहिए। इससे समझा जा सकता है कि रोगी कितनी गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचा था। रोगी के श्वास नली में ट्यूब डालकर ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाया गया। रोगी के दोनों फेफड़े काम नहीं कर रहे थे। उपचार के दौरान रोगी को बहुत उतार चढ़ाव रहे। सिर्फ टीम भावना से ही इस तरह के गंभीर रोगियों का उपचार संभव है। मित्तल हॉस्पिटल में चिकित्सकों के साथ नर्सिंग स्टाफ की पूरी टीम इसके लिए समर्पित रूप से कार्यरत है।
मित्तल हॉस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ क्रिटिकल केयर डॉ सुनील परिहार ने कहा कि गंभीर अवस्था में आए रोगी को पहले मैकेनिकल वेंटीलेटर सपोर्ट पर लिया गया। रोगी करीब 12 दिन हॉस्पिटल में रहा जिसमें वह 7 दिन वेंटिलेटर पर ही रहा। इस दौरान रोगी को तान आ रही थी। ऐसे में रोगी को संभालना और मुश्किल हो जाता है। डॉ सुनील परिहार ने कहा कि पूरे संभाग में निजी क्षेत्र में मित्तल हॉस्पिटल ही है जहां क्रिटिकल केयर वाले बच्चों के लिए चिकित्सकों की टीम व पीआईसीयू का प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ एवं पूरे साधन संसाधन मौजूद हैं। रोगी पर चौबीस घंटे सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों के द्वारा नजर रखी जाती है।
उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण अजमेर संभाग में केवल मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में ही डॉ सुनील परिहार के रूप में बाल अतिदक्षता विशेषज्ञ (पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट की सेवाएं उपलब्ध हैं। रोगी आज जब फॉलोअप में आया है तो पूर्ण स्वस्थ था और उसके अभिभावक प्रसन्न।
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