पूर्ण विधिक आधार एवं न्यायिक प्रक्रिया को अपनाते हुए निर्णय पारित करें राजस्व न्यायालय - राजस्व मंडल अध्यक्ष
अजमेर (अजमेर मुस्कान) । राजस्व मंडल अध्यक्ष हेमन्त कुमार गेरा ने राज्य के अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों से कहा है कि वे पूर्ण विधिक तथ्यों, नजीरों एवं सम्पूर्ण न्यायिक प्रक्रिया को ध्यान में रखकर अपनी श्रेष्ठ कार्य क्षमता का परिचय देते हुए निर्णय पारित करें।
गेरा शनिवार को अजमेर के राजस्व अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (आरआरटीआई) सभागार में राज्य के राजस्व अपील प्राधिकारी एवं भू प्रबंध अधिकारियों की राज्यस्तरीय निर्णय लेखन कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे । उन्होंने कहा कि काश्तकार समुदाय को त्वरित एवं पूर्ण निष्पक्ष न्याय दिलाना राजस्व न्यायालयों का अत्यंत महत्वपूर्ण दायित्व है । ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया को अत्यंत गंभीरता एवं जवाबदेही से सम्पादित करने की महती आवश्यकता है ।
उन्होंने सभी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों से अपेक्षा की कि वे उनके अधीन लम्बित प्रकरणों में निर्णय देने से पूर्व प्रत्येक पहलू का भली भांति अध्ययन करें। राजस्व मंडल स्तर से पारित महत्त्वपूर्ण निर्णयों की बारीकियों को शामिल करते हुए अपने पूर्ण विधिक आधार को ध्यान में रखकर निर्णय दें।
कार्यशाला में मंडल सदस्य राजेश दड़िया ने न्यायालयों में प्रक्रिया विधि एवं साक्ष्य विधि को विस्तार से परिभाषित करते हुए कानूनी प्रावधानों एवं न्यायिक सिद्धान्तों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रकरणों का न्यायालय से इतर निस्तारण व लोक अदालतों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला ।
निबंधक महावीर प्रसाद ने रास्ता विवाद, बंटवारा के प्रकरणों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए न्यायिक प्रक्रिया में विधिक प्रावधानों पर विचार रखे। सदस्य डॉ. महेन्द्र लोढ़ा ने राजस्व न्यायालयों द्वारा स्वीकार योग्य प्रकरणों के लिए विधिक प्रावधान, सदस्य डॉ. शिवप्रसाद सिंह, मदनलाल नेहरा, भवानी सिंह पालावत ने भी अपीलीय अधिकार, राजीनामा, बंटवारा, सम्पत्ति हस्तांतरण, विविध प्रकरणों में न्याय प्रक्रिया, प्रावधान एवं विविध स्तरीय अधीनस्थ न्यायालयों निर्णय अधिकार क्षेत्र आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए निर्णय लेखन गुणवत्ता के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।
कार्यशाला में उपस्थित संभागियों को प्रश्नोत्तर एवं ऑपन सेशन के दौरान राजस्व न्यायालय कार्यप्रणाली में गुणवत्ता एवं त्रुटिहीन निर्णय लेखन को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई ।
कार्यशाला में राजस्व अपील अधिकारी सुनील आर्य भरतपुर, परस राम मीणा भीलवाड़ा, उम्मेद सिंह रत्नू बीकानेर, रिछपाल सिंह बुरड़क भरतपुर, अनिल कुमार सीकर, भवानी सिंह हनुमानगढ़, सुरेश नवल जयपुर, रामचन्द्र अजमेर, दीप्ति मीणा कोटा, कैलाश चन्द्र गंगानगर, नवनीत कुमार बाड़मेर, डॉ. भास्कर विश्नोई पाली, ओम प्रकाश विश्नोई जोधपुर, सुरेश कुमार खटीक चित्तौड़गढ़, लक्ष्मी कान्त बालोत सवाई माधोपुर, मुरलीधर प्रतिहार कोटा, टोंक के भू प्रबंध अधिकारी सुरेश चन्द्र व सोहन राम चौहान अलवर, आरआरटीआई निदेशक मीनाक्षी मीणा, उपनिदेशक सुनीता यादव, मुख्य लेखाधिकारी कोमल चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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