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सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा : तीर्थाणी

सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा - तीर्थाणी

झूलेलाल मन्दिर बनेगा भाषा व सनातन का प्रेरणा केन्द्र

गुरूग्राम (अजमेर मुस्कान)। सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा और सिन्ध के गौरवमयी इतिहास को युवा पीढी तक पहुंचाने के लिये हमें निरन्तर सिन्धी भाषा, सभ्यता व संस्कृति से जोडने के प्रयास करने है। ऐसे विचार टेक्नोक्रेट कांफ्रेस हॉल, गुरूगाम में सिन्धी समाज गुरूग्राम केे प्रमुख सामाजिक, धार्मिक ऐं शैक्षणिक संगठन केे पदाधिकारियों की बैठक में भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने प्रकट किये। 

तीर्थाणी ने कहा कि भारतीय सिन्धू सभा के गठन 29 मार्च 1979 से निरंतर देश भर में सक्रियता से सभी को जोडा है और देश भर में संगठन सेवा कर रहा है। सिन्धी भाषा व संस्कार के शिविर, महापुरूषों के जयंती व बलिदान दिवस के कार्य, सिन्धू दर्शन तीर्थयात्रा व राज्यो की अकादियों व राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के सहयोग से कार्यकमों का आयोजन हो रहा है। वर्तमान में भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा मे अध्ययन से विद्यार्थियों व युवाओं को जोडने के भी प्रयास जारी है। 

श्री झूलेलाल सेवा समिति के सराहनीय कार्य

तीर्थाणी ने कहा कि श्री झूलेलाल सेवा समिति की ओर से सनातन धर्म का आस्था केन्द्र जिसमें आराध्यदेव झूलेलाल का भव्य मन्दिर निर्माण हो रहा है, जहां गौ सेवा, चिकित्सा शिविर सहित अन्य सेवा कार्य हो रहे है यह युवा पीढी के लिये प्रेरणा का केन्द्र बनेगा। अध्यक्ष विनोद कुमार पहिलाजाणी सहित सभी पदाधिकारियों की सेवा को सराहनीय सेवा बताया।

सिन्धी बोली व संस्कृति प्रचास प्रसार कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा 

बैठक में समिति की कविता अम्बवाणी ने  गुरूग्राम में निरंतर सिन्धी भाषा प्रचार में मौखिक, लिखित, साहित्य संकल्न व डिजिटल माध्यम से युवा पीढी को सक्रिय किया गया है। जहां मौखिक सम्भाषण, संवाद, वार्तालाप, उच्चारण, भाषा परिचय के साथ सिन्धी में पल्लव प्रार्थना व संगीत का ज्ञान करवाया जा रहा है। साहित्य ज्ञान हेतु कविता, गीत रचना, काव्यपाठ गोष्ठी के विशेष सत्र हो रहे हैं। आज के डिजिटल युग में बेबिनार, ऑनलाइन परिचर्चा, संस्कार शिविरों का आयोजन, त्यौहार, प्रतियोगितायें व आडियो विजुअल से मातृभाषा सिन्धी से जुडाव किये जा रहे हैं और हम आशान्वित है कि इससे युवा पीढी का देश भर में जुडाव हो सकेगा। विद्यार्थियों द्वारा तैयार कविता व प्रार्थना को स्क्रिन पर प्रदर्शित किया गया।

मातृशक्ति की पूर्ण सहभागिता 

अध्यक्ष विनोद कुमार पहिलाजाणी ने कहा कि श्री झूलेलाल सेवा समिति व सभी धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में मातृशक्ति पूर्णरूप से सक्रिय व सहभागी है। हमें ईश्वरीय शक्तियों से ही सफलता प्राप्त हो रही है। 

आर्किटेक्ट उर्वशी पहिलाजाणी का हुआ सम्मान 

श्री झूलेलाल सेवा समिति की ओर से चल रहे सनातन धर्म प्रेरणा केन्द्र व आराध्यदेव झूलेलाल मन्दिर में डिजाइन बनाने व निर्माण कार्य में अभूतपूर्व सहयोग  देने के लिये उर्वशी पहिलाजाणी का सम्मान किया गया जिससे युवा को आगे आकर समाज  के कार्याें में भाग लेने की प्रेरणा मिलेगी।

बैठक में गायक कलाकार व रंगकर्मी अनिता शिवनाणी ने अनौपचारिक तरीके से गीत, कविताएं,  कहानियां व अपनी  मातृभाषा में बातचीत की अहम भूमिका बताई।

प्रारम्भ में पल्लवी मिलवाणी ने सिन्धी गीत प्रस्तुत किये। उन्होनें ऑफलाइन सिन्धी कक्षाओं व बाल संस्कार शिविरों पर अपने विचार प्रकट किये।  

ऑनलाइन जुडने वालों में किशोर मंगलाणी अहमदाबाद से, शिक्षाविद् व लेखिका शालिनी सागर, नोएडा से हीरल के साथ गुरूगाम से कंचन लालवाणी सम्मिलित थे।

बैठक में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रहे दादा हरीचन्द आसवाणी, डॉ. जितेन्द्र मिलवाणी, राजेश आसवाणी, मोना सावलाणी, अंकिता हेमनाणी, अंजना चांदवाणी, सुनील चांदवाणी, राजेश सहजवाणी, वन्दना पारदासाणी ने भी अपने विचार प्रकट किये।

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