परीक्षा की गोपनीयता एवं पारदर्शिता बनाए रखने के दिए निर्देश
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं को लेकर आमुखीकरण कार्यशाला शुक्रवार को राजीव गांधी विद्या भवन रीट कार्यालय में आयोजित की गई। अजमेर सहित प्रदेशभर से कार्मिकों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया।
सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा विद्यार्थी के शुरुआती जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा होती है। बोर्ड परीक्षा की अपनी एक शुचिता होती है जिसे बनाए रखना बहुत जरूरी है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में राज्य के19लाख98हजार509 परीक्षार्थियों का भविष्य तथा उनके अभिभावकों के भावी सपने और आकांक्षाएं जुड़ी हैं। इन बोर्ड परीक्षाओं के साथ राज्य की प्रतिष्ठा एवं गरिमा भी जुड़ी है।
सचिव शर्मा ने प्रश्न पत्रों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए परीक्षा केंद्रों पर पेयजल, वॉशरूम सहित दिव्यांगजन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। विद्यार्थियों को एक बेहतर वातावरण प्रदान करने के लिए प्रयास करने को कहा। उन्होंने निर्देशित किया कि राज्य के सभी संवेदनशील, अतिसंवदेनशील तथा चयनित परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्न-पत्रें की अलमारी से प्रश्न-पत्र निकालने से लेकर केन्द्र पर लिफाफे खोलने,वितरण करने एवं परीक्षा आयोजन आदि की प्रतिदिन वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी द्वारा निगरानी कराई जाए। इसके अतिरिक्त अन्य जिलों में किसी एक उड़नदस्ते से प्रतिदिन रोटेशन से वीडियोग्राफी की व्यवस्था भी कराई जाए। समन्वय केन्द्रधीक्षक,अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक,माईक्रोऑब्जर्वर जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए स्वच्छ छवी के कार्मिकों को नियुक्त करें। परीक्षा केन्द्रों पर स्वच्छ पेयजल,रोशनी एवं दिव्यांगजनों के लिए समुचित व्यवस्था पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाए। परीक्षा पत्रों की सुरक्षा के लिए अतिसंवेदनशीलता बरती जाए। परीक्षा केन्द्रों के प्रश्न पत्र पुलिस थाने में शिक्षा विभाग की अलमारियों में रखे जाएंगे। एक बेहर रूपरेखा तैयार कर सफलतापूर्वक परीक्षा का आयोजन करवाया जाए।
उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या अनुसार वीक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। परीक्षा समापन पर उत्तर पुस्तिका के पैकेट बोर्ड द्वारा स्थापित संग्रहण केन्द्र पर सुरक्षित रूप से भिजवाया जाना सुनिश्चित करें। मुख्य परीक्षा नियंत्रक राजेश निर्वाण ने बताया किपरीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के लिए किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाए। अनुचित साधनों का प्रयोग करते पाए जाने वाले परीक्षार्थियों की सूची बनाकर निदेशक गोपनीय को प्रेषित की जाए। केन्द्राधीक्षक एवं वीक्षक प्रश्न पत्र के लिफाफे खोलने से पूर्व उन पर अंकित दिनांक समय एवं विषय का परीक्षा कार्यक्रम से मिलान कर लेवे। परीक्षार्थियों को विद्यालय गणवेश में ही परीक्षा केन्द्रों पर जाने के लिए निर्देशित किया जाए। परीक्षार्थी का चेहरा स्पष्ट दिखाई दे एवं परीक्षा केन्द्र पर किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रोनिक उपकरण नहीं लाए जाने के निर्देश दिए जाए। परीक्षा से लाखों बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है। इसके लिए टीम रूप में समन्वय से परीक्षा सम्पादित करवाया जाना सुनिश्चित करें। कार्यशाला में विशेषाधिकारी नीतू यादव, निदेशक अकादायिक राकेश स्वामी, निदेशक गोपनीय जे.पी.चिमनानी, गीता पलासिया, राजीव चतुर्वेदी, प्रकाश पुरोहित सहित बोर्ड के अधिकारी व जिलों से आए प्रतिनिधि शामिल रहे।
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