अजमेर (अजमेर मुस्कान) । कायस्थ मौहल्ला पुरानी मंडी स्थित प्राचीन बीजासन माता के थान पर माई-साते का वार्षिक मेला मंगलवार प्रातः पांच बजे से देर रात्रि तक भरा ।
बीजासन माता संस्था के प्रवक्ता सुनील माथुर ने बताया कि सैकड़ों सालों से माघ माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी को बीजासन माता के थान पर यह धार्मिक मेला आयोजित होता है। मेले में अजमेर शहर एवं आस-पास के गांव कस्बे से सर्व सनातन समाज के हजारों की संख्या में महिलाएं पुरूष, बच्चे आदि माता जी के थान पर जल अर्पण किया तथा रोली, मोली, मेहंदी, सुहाग सामग्री आदि से माताजी का पूजनकर लापसी, चावल, नारियल व पताशे का भोग लगाया। परिवार सहित धोक लगाकर परिवार की खुशहाली की कामना की गई । पौराणिक मान्यता के अनुसार माघमास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन माताजी के जल (खोलन) को
ग्रहण करने एवं माताजी के चढ़े हुए लच्छे (मोली) को गले में धारण करने से लकवा, मिर्गी, हकलाने एवं आंखों से संबंधित गम्भीर से गम्भीर बीमारी का उपचार संभव है।
संस्था के अध्यक्ष गुरुप्रसाद मीनावत ने बताया कि इस अवसर पर माताजी के थान को लाईटों, गुब्बारों से प्रवेश द्वार आदि की सजावट की गई। पूजन हेतु चबुतरे पर भक्तों का प्रवेशद्वार से प्रवेश एवं शीतला माता मंदिर के द्वारा से निकास की व्यवस्था की गई ।
संस्था के पूर्व अध्यक्ष स्व. उदयप्रकाश माथुर के परिवार द्वारा सवामण खीर का भोग लगाकर भक्तों में वितरित किया गया । रात्रि आठ बजे संस्था की और से माताजी का पूजनकर महाआरती की गई ।
इस अवसर पर सचिव नरेश माथुर, प्रह्लाद माथुर, राजेंद्र गांधी, जितेंद्र माथुर, आदित्य माथुर, कमल गंगवाल, पार्षद आतिश माथुर, राकेश राजोरिया, देवर्ष गंगवाल, दिलीप माथुर,अनिल गांधी, अराध्य सहित अन्य मौजूद थे ।
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