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विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की एक और सौगात, अजमेर की फाॅयसागर झील का नाम अब वरूण सागर

अजमेर में सिंधी व अन्य कई समाजों की धार्मिक आस्था का केंद्र फाॅयसागर झील का नाम अब वरूण सागर

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की एक और सौगात

अंग्रेजी गुलामी की मानसिकता का परिचायक था फाॅयसागर का नाम

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की एक और सौगात, अजमेर की फाॅयसागर झील का नाम अब वरूण सागर

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने लगातार दूसरे दिन अजमेर को एक और सौगात दी है। अंग्रेजी गुलामी की मानसिकता का परिचायक फाॅयसागर का नाम अब बदलकर वरूण सागर झील कर दिया गया है। यह झील सिंधी व अन्य कई समाजों की धार्मिक आस्था और पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। सिंधी समाज यहां चालिहो उत्सव मनाता है। 

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पिछले दिनों अजमेर में घोषणा की थी कि अजमेर के लोगों की जन भावनाओं का आदर करते हुए फाॅयसागर झील का नाम बदलकर वरूण सागर किया जाएगा। फाॅयसागर का नाम एक अंगे्रज के नाम पर रखा गया था और यह देश की गुलामी के दिनों की मानसिकता का परिचायक है। अजमेर के कई संगठनों प्रबुद्धजनों, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं आदि ने श्री देवनानी से मिलकर आग्रह किया था कि फाॅयसागर का नाम बदलकर जल के देवता वरूण के नाम पर किया जाए। इस पर श्री देवनानी ने नगर निगम, जिला कलक्टर एवं अन्य विभागों को निर्देश दिए थे कि जल्द से जल्द नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी की जाए। 

देवनानी के निर्देशों की पालना में नगर निगम के आयुक्त देशलदान ने यह आदेश जारी किए है। इस आदेश में कहा गया है कि प्रमुख शासन सचिव स्वायत शासन विभाग एवं अध्यक्ष राजस्थान झील विकास प्राधिकरण के आदेश की पालना में फाॅयसागर झील का नाम बदलकर वरूण सागर किया जाता है। गौरतलब है कि यह झील करीब सवा सौ साल पुरानी मानव निर्मित झील है। अजमेर और आसपास के लोगों ने अपने हाथों से खुदाई कर इस झील का निर्माण अरावली पहाड़ों की बीच किया था।

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