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दयानन्द बाल सदन, बाल सम्प्रेषण गृह एवं रैन बसेरों का किया निरीक्षण

दयानन्द बाल सदन, बाल सम्प्रेषण गृह एवं रैन बसेरों का किया निरीक्षण

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव महेन्द्र कुमार ढ़ाबी द्वारा दयानन्द बाल सदन का निरीक्षण किया गया। सचिव द्वारा मूलभूत सुविधाओं से लेकर गृहों के संचालन का जायजा लिया गया। दयानन्द बाल सदन में तीन भाग हैं। इसमें दो बाल गृह एवं एक बालिका गृह है। सदन में डाइट चार्ट एवं बच्चों को नाश्ते, लंच एवं डिनर के लिए भोजन चार्ट की व्यवस्था है। बच्चों के लिए रोजमर्रा की आवश्यकताओं की सभी वस्तुएं उपस्थित थी। सदन मे बच्चों के मनोरंजन के लिए इण्डोर एवं आउटडोर गेम्स एवं टीवी की व्यवस्था भी है। साथ ही बच्चों के लिए शारीरिक व्यायाम एवं योगा प्रोग्राम भी नियमित रूप से संचालित किए जाते है। सुरक्षा की दृष्टि से सदन में सीसीटीवी कैमरे, भवन के चारो तरफ तारबंदी की गई है। सदन में परिसर, रसोई घर, शौचालय, स्नानघर में साफ-सफाई की व्यवस्था उचित है। सदन मंे मासिक रूप से चिकित्सक विजिट होती है। वर्तमान मंे सदन मंे 43 बालक एवं 17 बालिकाएं आवासरत है।

उन्होंने बाल सम्प्रेषण गृह अजमेर का निरीक्षण किया गया। सचिव द्वारा मूलभूत सुविधाओं से लेकर गृहों के संचालन का जायजा लिया गया। सम्प्रेषण गृह में डाइट चार्ट एवं बच्चों को नाश्ते, लंच एवं डिनर के लिए भोजन चार्ट की व्यवस्था है। बच्चों के लिए रोजमर्रा की आवश्यकताओं की सभी वस्तुएं मौजूद थी। सदन में परिसर, रसोईघर, शौचालय, स्नानघर में साफ-सफाई की व्यवस्था उचित है। सम्प्रेषण गृह में साप्ताहिक रूप से चिकित्सक विजिट होती है। साथ ही सम्प्रेषण गृह में काउंसलिंग के लिए परामर्शदाता भी उपस्थित है। सम्प्रेषण गृह में बालकों को कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत पेंटिंग (चित्राकारी) सिखाई जा रही है। गृह में खाद्य वस्तु एव जल भंडारण की व्यवस्था के निर्देश दिए गए एवं विधि से संघर्षरत बालक, सरंक्षित बालक एवं 6 माह में पुर्नवसित बालकों के विवरण की जांच की। गृह में बालकों को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाता है। वर्तमान मे सम्प्रेषण गृह मे कुल 46 बालक आवासरत है।

 ढाबी द्वारा जेएलएन अस्पताल में स्थित दो रैन बसेरे सहित पड़ाव स्थिति रैन बसेरे का निरीक्षण भी किया तथा मौसमानुकूल समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं, पर्याप्त मात्रा में गद्दे, चादर, तकिया, कम्बल, रजाई, पीने योग्य पानी, सफाई एवं स्वच्छता, पुरूषों एवं महिलाओं के लिए पृथक-पृथक व समुचित स्नान एवं शौच व्यवस्था, स्नान के लिए मौसमानुकूल पानी की व्यवस्था, नियमित विद्यृत व्यवस्था, पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा किट, समुचित अग्निरक्षण प्रणाली, 2 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए विशेष भोजन की उपलब्धता, विशेष योग्यजनों, विमंदितों, बच्चों व वरिष्ठ नागरिेकों को आवश्यकतानुसार विशेष सुविधाओं की उपलब्धता, बीमार व्यक्तियों को समुचित चिकित्सा के सबंध में विस्तृत रूप से जायजा लिया। आश्रय स्थलों के संचालन में सामने आई खामियों पर उत्तरदायी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान कर खामियों को दूर करने पर विशेष जोर दिया।

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