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सिन्ध की भूमि पाने के लिए अंतिम क्षण तक हो प्रयास- लोहाणा

सिन्ध की भूमि पाने के लिए अंतिम क्षण तक हो प्रयास- लोहाणा

अजमेर (अजमेर मुस्कान) ।
यह हमारा सौभाग्य है कि हम आज महाराजा दाहरसेन की स्मृति स्थल पर है, जिन्होने अपना पूरा परिवार मातृ भूमि की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिया, ऐसी भावना हम में भी जागृृत है कि सिन्ध की भूमि को अपने अन्तिम क्षण तक पाने के लिए हम प्रयासरत रहेंगे। ऐसे प्रेरणा केन्द्र के लिए हम ओंकार सिंह लखावत जी का धन्यवाद व आभार प्रकट करते है और उनकी प्रेरणा से जो बलिदान दिवस व जयन्ती मनाते है, हम भी ऐसे आयोजन देश-विदेश में भी करेंगे, यह विचार लंदन से आए वर्ल्ड सिन्धी कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. लखू लोहाणा ने सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर अवलोकन करते हुए कहीं व उन्होने सिन्ध में स्वतंत्रता आंदोलन में सिन्ध के वीर महापुरूष राणा रतन सिंह, रूपलो कोल्ही, हेमू कालाणी व अन्य प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित किए, हिंगलाज माता की पूजा अर्चना, सिन्ध के मानचित्र पर रक्षासूत्र बांधकर सिन्ध की भूमि हमें वापस मिले।

अजमेर प्रवास पर आए डॉ. लखू लोहाणा व उनके साथियों ने महाण्डलेश्वर हंसराज उदासीन व अन्य संतों से भेट कर आर्शीवाद प्राप्त किया व सिन्धु इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान पर एकत्रित सिन्धी साहित्य के संकलन को देख कर आनन्दित हुए, जिसमें सिन्ध के संत महात्मा, स्वतंत्रता सेनानियों, सिन्धु नदी, मोअन-जो-दड़ों व सिन्धुघाटी सभ्यता का इतिहास व चित्रों को देखकर अभिभूत हुए व शोध संस्थान के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने साहित्य की पुस्तके भेट की।

इस अवसर पर बाड़मेर के चारण समाज के कार्यकारी अध्यक्ष तेजदान, जोधपुर के इतिहासकार डॉ. रघुवीर सिंह सोढ़ा व दलपत सिंह सोढ़ा ने भी अवलोकन कर अपने विचार रखें।

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