Ticker

6/recent/ticker-posts

वैश्विक चुनौतियों का मीडिया पर भी गहरा असर : कैलाश सत्यार्थी

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा की हम विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। दुनिया के सामने जितने गंभीर संकट इस समय हैं इतने इससे पहले कभी नहीं आए। मीडिया भी इन संकटों से अछूता नहीं रह सकता। जिस व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है समझ लीजिए वह मीडिया का प्रतिनिधित्व कर रहा है। विश्व के जिन देशों में लोकतंत्र है वहां 70% चुनाव पर सोशल मीडिया के फेक कंटेंट ने चुनाव पर असर डाला है। एआई के दौर में परंपरागत मीडिया के सामने भी चुनौतियां हैं।

अजयमेरु प्रेस क्लब के रजत जयंती वर्ष के पहले कार्यक्रम में बोले नोबेल विजेता

वैश्विक चुनौतियों का मीडिया पर भी गहरा असर : कैलाश सत्यार्थी

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा की हम विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। दुनिया के सामने जितने गंभीर संकट इस समय हैं इतने इससे पहले कभी नहीं आए। मीडिया भी इन संकटों से अछूता नहीं रह सकता। जिस व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है समझ लीजिए वह मीडिया का प्रतिनिधित्व कर रहा है। विश्व के जिन देशों में लोकतंत्र है वहां 70% चुनाव पर सोशल मीडिया के फेक कंटेंट ने चुनाव पर असर डाला है। एआई के दौर में परंपरागत मीडिया के सामने भी चुनौतियां हैं। वैश्विक स्तर पर यह समस्या ज्यादा बढ़ गई है। श्री सत्यार्थी शनिवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी सभागार में अजयमेरु प्रेस क्लब के रजत जयंती वर्ष शुभारंभ के बाद पहले कार्यक्रम में "वैश्विक चुनौतियां और मीडिया की भूमिका"  विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा की हम विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। दुनिया के सामने जितने गंभीर संकट इस समय हैं इतने इससे पहले कभी नहीं आए। मीडिया भी इन संकटों से अछूता नहीं रह सकता। जिस व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है समझ लीजिए वह मीडिया का प्रतिनिधित्व कर रहा है। विश्व के जिन देशों में लोकतंत्र है वहां 70% चुनाव पर सोशल मीडिया के फेक कंटेंट ने चुनाव पर असर डाला है। एआई के दौर में परंपरागत मीडिया के सामने भी चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा दुनिया में 56 देशों  में युद्ध चल रहा है। कटु सत्य है की आज तक किसी भी बच्चे ने युद्ध नहीं लड़ा लेकिन युद्ध में सबसे ज्यादा बुरा असर बच्चों पर ही पड़ता है। महिलाएं भी युद्ध की विभीषिका का शिकार बनती है। उन्होंने इजरायल, फिलिस्तीन युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा यह चिंता का विषय है की युद्ध में इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि गर्भस्थ बच्चे भी मारे गए। मीडिया ने पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता से इस संकट को उठाया है। विश्व में श्वेत, अश्वेत, धर्म, सांप्रदायिकता, जातिवाद ने गंभीर संकट पैदा कर रखा है।

वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें


अब समय आ गया है कि हम समस्याओं का रोना रोने की बजाय समाधान पर बात करें।भारत में वैदिक ऋषियों  ने कई समाधान दिए हैं। सर्वे संतु सुखिन सर्वे संतु निरामया और वसुधैव कुटुंबकम् का भाव भारत ने ही सिखाया। लेकिन हम विद्वानों की बताए मार्ग पर नहीं चल रहे। परिस्थितियों अत्यंत विषम होने के कारण मीडिया की जिम्मेदारियां ज्यादा बढ़ गई है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा की देश आजाद हुआ समय भी की विचारधाराएं थीं। कम्युनिस्ट, समाजवादी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ जो बाद में भाजपा बना। पिछले कुछ समय से ऐसा लगने लगा है की अब विचारधारा की बजाय व्यक्ति प्रमुख हो गए हैं। भारत भ्रष्टाचार और भय मुक्त होना चाहिए। लोगों की सहनशीलता भी कम होती जा रही है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री व अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा की किसी जमाने में गांव के सरपंच का गांव में बहुत सम्मान होता था। हालात उलट हैं। विधायक, सांसदों, मंत्रियों कहां लोग कितना सम्मान करते हैं यह अब किसी से छुपा नहीं है। समाज के हर हिस्से में नैतिक मूल्य में भारी गिरावट आई है।

विशिष्ट अतिथि उपमहापौर नीरज जैन ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले क्लब के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.रमेश अग्रवाल ने क्लब के 25 साल के सफर के बारे में बताया। अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि अजयमेरु प्रेस क्लब सामाजिक सरोकारों से भी निरंतर जुड़ा रहता है। कार्यक्रम का संचालन वर्तिका शर्मा और प्रताप सिंह सनकत ने किया । अंत में प्रताप सिंह सनकत ही ने आभार प्रकट किया ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ