सिन्धु दर्शन यात्रा के लिए मिलेगी 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने किया था मुख्यमंत्री से आग्रह
सिन्धी समाज की सबसे बड़ी और पवित्र यात्रा मानी जाती है सिन्धु दर्शन यात्रा
लेह-लद्दाख में चार दिन होते हैं आयोजन, 12 दिन चलती है यात्रा
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के आग्रह पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सिन्धी समाज को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने सिन्धी समाज की सबसे बड़ी और पवित्र मानी जाने वाली लेह-लद्दाख सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को 15 हजार रूपए प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। सिन्धु दर्शन यात्रा में चार दिन तक लेह-लद्दाख में धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होते हैं तथा यात्रा 18 जून से शुरू होकर 30 जून को समाप्त होती है।
सिन्धी समाज के तीर्थयात्री हर साल 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाते हैं। यह यात्रा 18 जून से जम्मू एवं कुरूक्षेत्र से प्रारम्भ होती है तथा 30 जून को इसका अधिकारिक समापन होता है। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा को ज्ञापन देक आग्रह किया था कि सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को भी अन्य तीर्थ यात्राओं की तरह आर्थिक सहायता दी जाए। इस पर निर्णय करते हुए राज्य सरकार ने तीर्थ यात्रियों के लिए 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
गौरतलब है कि वर्ष 1997 में भारत रत्न एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने सिन्धु दर्शन यात्रा की शुरूआत की थी। प्रतिवर्ष यह यात्रा 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में आयोजित की जाती है। इसमें बड़ी संख्या में सिंधी धर्मावलम्बी भाग लेते हैं। वेद, शास्त्र एवं धार्मिक मान्यताओं में सिन्धु नदी का बड़ा महत्व है। लगभग सभी ग्रन्थों में सिन्धु नदी का उल्लेख मिलता है। इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रगान में भी सिन्धु नदी का उल्लेख है। सिन्धी समाज में भी ईष्ट देव श्री झूलेलाल जी के अवतार का जल से संबंध है। ऎसे में यह यात्रा सिन्धी धर्मावलम्बियों के लिए बड़ी पवित्र मानी जाती है। प्रतिवर्ष देश के लगभग 25 राज्यों से सिन्धी धर्मावलम्बी इस पवित्र यात्रा पर जाते हैं। यह यात्रा जम्मू एवं कुरूक्षेत्र से प्रारम्भ होती है एवं लगभग 12 दिन चलती है। यात्रा में लेह-लद्दाख में विशिष्ट धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन होते हैं।
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