अजमेर (अजमेर मुस्कान)। भारतीय रेल, महज़ एक अदद इंजन और डेढ़ दर्जन डिब्बों से लैस गाड़ी नहीं, घर परिवार से दूर जीविकार्जन कर रहे हमारे श्रमिकों, किसानों, जवानों और करोड़ों नागरिकों का अपने परिवारों और प्रियजनों से भावनात्मक रिश्तों को जोड़ता एक पुल है।
त्योहार और विशेष दिनों में उमड़ते जन-सैलाब के लिए भारतीय रेल द्वारा रेल संचालन के साथ साथ रेलवे स्टेशन पर आये लोगों के सुचारू रूप से ठहरने, टिकट ख़रीदने, जलपान आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था करनी होती है। इसके लिए रेल अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा स्वयं सेवी संगठनों का भी सहयोग मिलता है। भारतीय रेल प्रशासन को करोड़ों की संख्या में आये यात्रियों को अपने गंतव्यों तक पहुँचाने का दशकों पुराना अनुभव है।
भारत की पहली महिला चेयरमैन एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा के अनुसार त्योहारों के दौरान रेलवे ने एक लाख सत्तर हज़ार ट्रेनों के फेरों के अलावा 7,700 विशेष ट्रेनों का संचालन किया, सूरत के पास स्थित औद्योगिक शहर ऊधना रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन औसतन सात-आठ हज़ार यात्रियों का आवागमन होता है - चार नवंबर को इस छोटे से स्टेशन पर चालीस हज़ार से ज़्यादा की भीड़ उमड़ आयी। रेलवे प्रशासन ने एक टीम की तरह काम करते हुए उचित व्यवस्थाएँ की, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी नही हुई । त्योहार के दौरान, देश भर में सबसे अधिक आवागमन नई दिल्ली स्टेशन से हुआ। इस अवधि में सिर्फ़ इस स्टेशन से, यात्रियों की माँग पर एक दिन मे 64 स्पेशल और 19 अनारक्षित ट्रेनों का संचालन किया गया।
इस साल अकेले छठ महापर्व के पहले, 4 नवम्बर को, लगभग 3 करोड़ लोग ट्रेन से अपने गंतव्यों तक गये, और त्योहार के दिनों में तो रेलवे ने लगभग 25 करोड़ यात्रियों को यात्रा करने में मदद की। पाकिस्तान की कुल आबादी से ज़्यादा लोगों ने तो महज़ कुछ दिनों में ही भारत की ट्रेनों में यात्रा की!
भारतीय रेल आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस वन्दे भारत, अमृत भारत, नमो भारत जैसी ट्रेनों के लगातार विस्तार और देशभर में हजार से ज़्यादा रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन में बदला जा रहा है। बदलते भारत की बदलती तस्वीर भारतीय रेल के स्वरूप मे अब उभरने लगी है।
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