अजमेर (अजमेर मुस्कान)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेन्द्र कुमार ढ़ाबी द्वारा संविधान दिवस पर दयानंद महाविद्यालय, महर्षि दयानन्द सरस्वति यूनिवर्सिटी तथा भगवंत यूनिवर्सिटी में सेमीनार का आयोजन किया गया।
सेमीनार में सचिव ढ़ाबी ने बताया कि संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवम्बर को मनाया जाता है। इस दिन देश का संविधान बनकर तैयार हुआ था। देश का संविधान 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में बनकर तैयार हुआ। भारत का संविधान का प्रारूप सात सदस्यों ने तैयार किया था। इसमें डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, एन.गोपाल स्वामी, के.एम. मुंशी, मोहम्मद सादुल्ला, बी.एल. मित्तर, डी.पी. खेतान शामिल थे। इसके अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अम्बेडकर थे। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित सविधान है। इसमें कुल 1 लाख 46 हजार 385 शब्द हैं। भारत का संविधान संसद से बड़ा होता है। इसमें मूल ढांचा कभी बदला नहीं जा सकता है। इस संबंध में महत्वपूर्ण माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय केशवानंद भारती का है। इसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 24वें संविधान संशोधन की वैधता को बनाए रखा और यह कहा कि संविधान के मूल ढांचे में संसद बदलाव नहीं कर सकती है।
सेमिनार में विश्वविद्यालय के उप कुलपति, व्याख्याता, प्राचार्य एवं विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे। उपस्थित सभी को संविधान की उद्देशिका की शपथ भी दिलवाई गई। साथ ही तालुका स्तर पर भी संविधान दिवस पर रैलियां एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया।
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