अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अजमेर के देहली गेट बाजार में बीच सड़क पर ही दुकान लगाने के कारण पैदल चलने वालों के लिए जगह ही नहीं बचती है। देहली गेट चौक के बीच सड़क पर दुकान हो या ठेला चालक अपनी मनमानी में करने में जरा भी परहेज नहीं करते। जहां इच्छा हुई वहीं बैठ जाते हैं और शुरू कर देते हैं दुकानदारी। जिससे सड़क पूरी तरह से जाम की चपेट में समा जाती है। कहीं-कहीं छोटे मझोले दुकानदार तो ठेला वाले इस तरह से सिक्का जमाते हैं कि मानो उन्हें नतो प्रशासन की कोई चिंता न आम जनों की जरा भी परवाह है। बीच सड़क पर बैठकर समान बेचने वाले दुकानदार बाजार में सड़क के बीचो-बीच बैठ जाते हैं कपड़े, जूते चप्पल, खिलोने व अन्य तरह की सामग्रियां बेचते हैं। यहां खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ती है। ऐसे में आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित होती है। यह हाल न केवल देहली गेट बाजार बल्कि धानमंडी चौक से लेकर दरगाह बाजार का भी है। जहां सुबह से देर रात तक बीच सड़क पर बैठकर अपने सामानों की बिक्री करने वाले दुकान लगाने वालों के कारण इन सड़कों से पैदल हो कर जाना भी मुश्किल हो जाता है।
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सुबह से देहली गेट के पास ही बीच सड़क पर दुकान लगा देते हैं, शाम को 7 बजे के बाद से देर रात तक देहली गेट से दरगाह बाजार के आसपास सड़क इस कदर अपनी दुकान लगाते हैं कि इधर से होकर गुजरने वालों को खासा परेशानियों होती है। जिससे जगह जगह जाम की गम्भीर समस्याओं उतपन्न हो जा रही है।
कभी कभार ही जाम से दिलाया जाता है छुटकारा
ऐसा नही है कि प्रशासन की चहल कदमी नही होती है। किंतु उनकी निंद्रा कभी कभार ही भंग होती है। और जब प्रशासन जगती है तो जाम से निजात दिलाने को लेकर डंडा चलाती है। किंतु उनकी सुस्ती से इस तरह अतिक्रमण करने वाले पुनः अपना पाव फैलाते हैं। जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। देहली गेट से दरगाह बाजार में अक्सर इमरजेंसी वाहने जाम में फंस जाती है। फायर ब्रिगेड से एम्बुलेंस तक को महज दूरी तय करने में समय लगता है। सबसे बड़ी बात यह है कि गाड़ी का हॉर्न मारने के बाद भी इन अतिक्रमणकारियों के कान पर जूं तक नही रेंगते। और तो और हटने को कहने पर तू तू मैं करने को उतारू हो जाते हैं।
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