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स्वरांंजलि कार्यक्रम में किशोर दा को दी गई श्रद्धांजलि


स्वरांंजलि कार्यक्रम में किशोर दा को दी गई श्रद्धांजलि

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
नग़मे थे महान पार्श्वगायक किशोर कुमार के,  आवाज़ें थीं अजयमेरु प्रेस क्लब के सदस्यों की, और मौका था किशोर कुमार की पुण्यतिथि पर होने वाले सालाना कार्यक्रम "स्वरांजलि" का। अजयमेरु प्रेस क्लब के खचाखच भरे सभागार में सदस्यों द्वारा दी गई एक-एक प्रस्तुति श्रोताओं को हंसाती रही, गुदगुदाती रही, थिरकने पर मजबूर करती रही ।  किसी दर्द भरे गीत पर सोचों में डूबोती रही तो दार्शनिक शब्दों पर ख़यालों में गोते लगवाती रही।


सुरेश श्रीचंदानी के गीत "भोले ओ भोले", अनिल गुप्ता के "आ चल के तुझे मैं लेके चलूं", अरविंद शुक्ला के "नखरे वाली", सैयद सलीम के "दीये जलते हैं", शरद चौधरी के गीत "यादों में वो" से शुरू हुआ गायकी का सिलसिला धीरे धीरे परवान चढ़ता गया और श्रोता अपनी कुर्सियों पर बंधे हर प्रस्तुति को दाद बांटते रहे।

इसके बाद प्रदीप गुप्ता ने "ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैं" गीत से जोश भरा, तो फरहाद सागर ने "मंज़िलें अपनी जगह हैं रास्ते अपनी जगह" गाकर जीवन के फलसफे सुनाए। सूर्यप्रकाश गाँधी जब "मेरे सपनों की रानी" गीत लेकर मंच पर उतरे तो मानो फ़िजां चहक उठी। इस चहक में प्रेम के रंग भरे क्लब अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल व उनकी पत्नी आभा शुक्ला ने युगल गीत "तुम आ गए हो नूर आ गया है" गाकर; जिस पर की-बोर्ड पर संगत हेमंत कुमार शर्मा ने की।

गीतों का सिलसिला आगे बढ़ाया डॉ.  अतुल दुबे ने "वो शाम कुछ अजीब थी" तथा ए.बी.एल. माथुर ने "ये वही गीत है" गाकर। उसके बाद पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह सनकत ने किशोर दा का कालजयी गीत "चिंगारी कोई भड़के" अपने चिरपरिचित अंदाज़ में सुनाया, तो हेमंत कुमार शर्मा व उनकी पत्नी रक्षा शर्मा ने किशोर कुमार के 50, 60 व 70 के दशक के कुछ यादगार गीतों की सुंदर माला पिरोकर मेडले की प्रस्तुति दी। क्लब के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश अग्रवाल ने महिलाओं को समर्पित फ़िल्म "सुहागरात" का संजीदा गीत "अरे ओ रे धरती की तरह हर दुःख सह ले" गाकर किशोर की गायकी के अनछुए पक्ष को सामने रखा, तो अमित टण्डन ने एक बार फिर अपने मस्तीभरे अंदाज़ को बिखरते हुए "दुनिया में रहना है तो काम कर प्यारे" गाकर सभागार को तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजा  दिया। क्लब के सचिव गुरजेंद्र  सिंह विर्दी ने एक सुंदर व सार्थक संदेश देता मेडले प्रस्तुत किया ।  जिसमें कुछ ऐसे गीतों के अंश शामिल किए गए, जो गीत किशोर कुमार ने "ज़िन्दगी" की थीम पर गाकर जीवन-मृत्यु, खुशी-ग़म, ख़्वाब-हक़ीक़त और उत्थान-पतन के फलसफों को दुनिया के सामने रखा था। कार्यक्रम का दमदार समापन "संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति" के संयोजक फरहाद सागर सहित अन्य सदस्यों हेमंत शर्मा व शरद कुमार शर्मा ने एक  गीत "प्यार हमें किस मोड़ पे ले आया" से किया।

कार्यक्रम में हमेशा की तरह एक खास मेहमान  की उपस्थिति व प्रस्तुति रही। इस बार के खास मेहमान थे "घीसी बाई मेमोरियल मित्तल अस्पताल व रिसर्च सेंटर" के निदेशक डॉ. दिलीप मित्तल व उनकी पत्नी संगीता मित्तल, जिन्होंने युगल गीत "आपकी आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं" गाकर सबको अचंभित कर दिया। इसी प्रकार अनिल जैन ने " तुम बिन जाऊं कहां " गीत गाकर श्रोताओं की दाद बटोरी ।

कार्यक्रम का संचालन प्रताप सिंह सनकत और अमित टंडन ने किया, जबकि साउंड सिस्टम प्रबंधन फरहाद सागर और कराओके साउंड ट्रेक व्यवस्था गुरजेन्द्र सिंह विर्दी ने संभाली।  


इससे पूर्व वरिष्ठ सदस्यों, पदाधिकारियों व कुछ अतिथियों ने किशोर कुमार के चित्र पर फूल अर्पित किए। पूर्व अध्यक्ष डॉ रमेश अग्रवाल ने किशोर कुमार के जीवन व व्यवहार पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल ने अतिथियों को क्लब के इतिहास व नवाचारों  की जानकारी दी। अंत में श्री गांधी ने आभार प्रकट किया ।

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