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सत्य की धुन में गूंजे गांधी के पसंदीदा भजन, दस दिवसीय गांधी महोत्सव का हुआ समापन

सत्य की धुन में गूंजे गांधी के पसंदीदा भजन, दस दिवसीय गांधी महोत्सव का हुआ समापन

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजमेर में चल रहे दस दिवसीय गांधी महोत्सव में बुधवार को  सूचना केंद्र में  "सत्य की धुन" कार्यक्रम आयोजित किया गया।  इस अभिनव कार्यक्रम में अजमेर के प्रतिष्ठित संगीत संस्थाओं के गायकों ने गांधीजी के प्रिय भजनों तथा गांधी जी पर आधारित गीतों की प्रस्तुति  देकर वातावरण को भक्ति और अध्यात्म के रस में सराबोर कर दिया।

https://www.ajmermuskan.page/2024/10/Ten-day-Gandhi-Mahotsav-concludes.html

गांधी जयंती के उपलक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत डी. एल. त्रिपाठी, डाॅ.  रमेश अग्रवाल,शकील अहमद,राजेंद्र गुंजल ,सुरेश सिंधी और इंदिरा पंचोली द्वारा गांधीजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। डा अनंत भटनागर ने तृतीय गांधी महोत्सव  के अंतर्गत आयोजित दस दिवसीय गतिविधियों की जानकारी दी।

’सत्य की धुन’ की शुरुआत सुप्रसिद्ध भजन वैष्णव जन तो तेनेहि कहिए जी’ से हुई जिसे अमीषा  ने  सुमधुर स्वर में प्रस्तुत किया।गांधी जी और शास्त्री  जी दोनो के योगदान को याद करते हुए मनीषा शास्त्री ने ’आज का दिन है बड़ा महान गीत की प्रस्तुति दी।इसके पश्चात गिटार पर गोप मीरानी ने  ’बड़ी देर भई ’ प्रस्तुत कर स्वर लहरियां बिखेरी तो वहीं मुकेश परिहार ने ’प्रभु मेरे अवगुण चित्त न धरो’ प्रस्तुत कर वातावरण भक्तिमय बना दिया।

कार्यक्रम में शास्त्रीय गायिका सोनू माथुर ने ’साधो मन का मान त्यागो’ प्रस्तुत कर कार्यक्रम को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इसके पश्चात राहुल ने मीरां का भजन  "पायोजी मैने राम रतन  धन पायो" और डा कृष्णकांत शर्मा "श्री रामचंद्र कृपाल भजमन" प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम  के अगले चरण में पराग मांदले ने गांधी जी द्वारा कविता रूप में लिखी ’सेवक की प्रार्थना’ का आस्था मांद ले के स्वर में रसास्वादन करवाया।युवा गायक तुषार ने ’तुम बिन मेरी कौन खबर ले’  प्रस्तुत किया।  अपनी दूसरी प्रस्तुति में सोनू माथुर ने मीरां का भजन ’राम नाम रस पीजे मनुआ ’ की आकर्षक प्रस्तुति दी। डा निहारिका जोशी द्वारा  ’ सुन ले बापू यह पैगाम’ और डा  मनीषा शास्त्री द्वारा

प्रस्तुत ’तू ही राम है, तू रहीम है’ ने श्रीताओं को भाव विभोर कर दिया।  रैदास के भजन ’प्रभुजी तुम चंदन हम पानी ’ को पीयूष ने और तुलसीदास के भजन ’ जानकी नाथ सहाय करो’ को कुलदीप ने आकर्षक रूप से प्रस्तुत करते हुए  सुर सरिता बहा दी। कार्यक्रम का अंत  रामधुन

”रघुपति राघव राजाराम’ से हुआ जिसे नरेंद्र जैन, रविन्द्र जैन, के के शर्मा और निहारिका जोशी ने प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर गांधी विचारों  पर केंद्रित प्रतिष्ठित चित्रकार हकु शाह के चित्रों के पोस्टर की  आकर्षक प्रदर्शनी  लगाई  गई। अजमेर के प्रतिष्ठित फिलेटेली विशेषज्ञ एस पी कटारिया द्वारा गांधीजी पर जारी पोस्टल स्टैंप, विभिन्न करेंसी नोट तथा अदभुत  सिक्कों का संकलन भी प्रदर्शित किया गया। दोनो प्रदर्शनियों को श्रोताओं ने खूब सराहा।

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