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सुरक्षा सखी क्षमतावर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित



अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
पुलिस विभाग व सेन्टर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च के सयुक्त तत्वाधान में रूपनगढ़ एवं बांदरसिंदरी पुलिस थाना की सुरक्षा सखियों के लिए क्षमतावर्धन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | रूपनगढ़ पुलिस थाने से 10 और बांदरसिंदरी पुलिस थाने से 12 सुरक्षा सखी ने भाग लिया।

सुरक्षा सखी प्रशिक्षण में सुरक्षा सखी के प्रमुख कार्य व दायित्व की जानकारी, भारत न्यायं संहिता के तहत महिला एवं बालिकाओं के लिए कानून व्यवस्था, शिकायत निवारण प्रक्रिया की जानकारी, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन व 112 मोबाइल एप (SOS) की जानकारी प्रदान करना, महिला सुरक्षा ऑडिट हेतु सेफ्टी पिन एप की जानकारी दी गयी |

सुरक्षा सखी योजना के गठन एवं क्रियान्वयन के सम्बन्ध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की पर क्षमतावर्धन  करते  हुए बताया की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, अधिकारों व कानून के प्रति जागरूकता, समस्याओं के समाधान के संबंध में स्थानीय पुलिस से सवाद, सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से राजस्थान पुलिस द्वारा एक नवीन पहल कर सुरक्षा सखी का गठन किया गया है।

सुरक्षा सखी सदस्यता के बारे में बताया गया की सुरक्षा सखी में सभी जाति धर्म वर्ग व समुदाय की महिलाओं एवं बालिकाओ की सदस्यता हो सकती हे | सुरक्षा सखी में खुली सदस्यता होगी जिसमें कोई भी इच्छुक महिला और बालिका सम्मिलित हो सकती है सुरक्षा सखी में आशा सहयोगिनी एएनम, कार्यकर्ता अन्य विभाग से सुरक्षा सखी के रूप में जुड़ सकती है ।

सुरक्षा सखी की योग्यता के बारे में बताया की सुरक्षा सखी के लिए महिला और बालिका संबंधित थाना क्षेत्र के निवासी होने चाहिए और सुरक्षा सखी की आयु 15 से 70 वर्ष की होनी चाहिए और जो सुरक्षा सखी बनना चाहते हैं उनके आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए ।

सुरक्षा सखी के उत्तरदायित्व में किसी भी महिला या बच्चों के साथ यदि किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार या छेड़छाड़, सार्वजनिक स्थल पर योन हिंसा या उत्पीडन आदि होती हे तो इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को देना तथा घरेलू हिंसा, दहेज़ उत्पीडन, बाल विवाह की जानकारी कार्यवाही हेतु पुलिस थाने तक पहुचाना। सुरक्षा सखी की माह में एक बार सम्बन्धित पुलिस थाने पर सामूहिक बैठक की जानी चाइए और यह बैठक थाना अधिकारी की अध्यक्षता में सुनिश्चित करेगा । सभी सुरक्षा सखियों के लिए एक महिला पुलिस नोडल अधिकारी नामित किया जाना चाहिए और सभी सुरक्षा साथियों को नोडल अधिकारी का नंबर आवश्यक रूप से उपलब्ध होना चाहिए सुरक्षा सखी मीटिंग के लिए सभी थानों में अलग सुरक्षा सखी बैठक का रजिस्टर होना चाहिए । जिसमें सभी सुरक्षा सखियों के नाम उपस्थित नोडल अधिकारी का नाम और मीटिंग में उठाए गए मुद्दे शिकायत एवं निवारण हेतु सुझाव का लिखा होना जरूरी है| पर्यवेक्षण तीन माह के अंदर एक बार सुरक्षा सखी की बैठक थाना अधिकारी की उपस्थिति में लेना अनिवार्य है।

सुरक्षा सखी योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा 6 माह में एक बार करेंगे तथा 6 महीना की बैठकों में उठाए गए मुद्दों एवं उनके समाधान के प्रति विश्लेषण कर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे

सभी सुरक्षा साखियों को असुरक्षित वाले स्थानो के लिए सेफ्टी पिन एप के बारे में जानकारी दी गई और उनको बताया गया कि यह ऐप किस तरह असुरक्षित वाले स्थानो को चिन्हित कर सकते है  और कैसे इस एप के द्वारा हम सेफ्टी ऑडिट कर सकते हे, अगले सत्र में सभी सुरक्षा सखी के मोबाइल में सेफ्टी पिन एप को डाउनलोड करवाया गया।

सभी सुरक्षा साखियों को अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा हेतु बनाये गए एप 112 की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान की गई और एप सभी सुरक्षा सखियों के मोबाइल में डाउनलोड करवाया गया | जिसका व्यवहारिक ज्ञान भी सभी को प्रशिक्षण में प्रदान किया गया।

खातून, सुरक्षा सखी, रूपनगढ़ ने सुझाव दिया की सुरक्षा सखियो की हर माह बैठक होनी चाहिए और सुरक्षा सखियों को नए कानून व नवीन योजनाओ पर त्रैमासिक प्रशिक्षण का प्रावधान सम्बंधित थाने स्तर पर की जाये ताकि सुरक्षा सखियों की क्षमतावर्धन हो सके और महिलाओ की सुरक्षा में हमारी सही भागीदारी सुनिश्चित हो |  

माया शर्मा, सुरक्षा सखी, बान्दरसिंदरी ने सुझाव दिया की सभी सुरक्षा सखियों के सम्बंधित थाने से पहचान पत्र जारी किये जाये और सुरक्षा सखी IEC किट जिसमे सुरक्षा सखी की गाइडलाइन, महिला एवं बालिकाओं सम्बंधित कानून, भारतीय न्याय सहिता, सरकारी लाभकारी योजनाओ की बुकलेट, थानों पर कार्यरत समस्त स्टाफ की सूची मय मोबाइल नंबर आदि पुलिस विभाग द्वारा प्रदान किया जाना चाइए ।

महिला सलाह सुरक्षा केंद्र और  वन स्टॉप सखी सेन्टर के कार्यो और प्रक्रिया को समझने के लिए दोनों ही केन्द्रों पर सभी सुरक्षा सखी के लिए एक्सपोसर विजिट का भी प्लान किया गया।

सुरक्षा प्रशिक्षण में पारुल यादव, थानाधिकारी, बान्दरसिंदरी, भंवरलाल, थानाधिकारी, रूपनगढ़, गीता कुमारी, महिला हेल्प डेस्क, रूपनगढ़, सरस्वती चौधरी, महिला हेल्प डेस्क बांदरसिंदरी, सहित दोनों थानों के 22 सुरक्षा सखी एवं 2 ग्राम सखी एवं संस्था कार्यकर्ता उपस्थति थे।

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