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विजन अजमेर ने बरसाती पानी की निकासी के स्थाई समाधान के लिए मुख्यमंत्री व प्रशासन को भेजें सुझाव

विजन अजमेर ने बरसाती पानी की निकासी के स्थाई समाधान के लिए मुख्यमंत्री व प्रशासन को भेजें सुझाव

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
विजन अजमेर में पानी निकासी पर अजमेर के विशेषज्ञों, प्रबुद्धजन की पिछले दिनों परिचर्चा कर राय व्यक्त की अजमेर अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा शहर होने से पानी की निकासी पर जल संग्रहण स्थलों पर अवैध निर्माण होना व शहर के पुराने राजस्व व नगरीय रिकार्ड, उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करने पर बरसाती पानी का समाधान किया जा सकता है इस संदर्भ में राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल, संबंधित मंत्री व जिला प्रशासन  कलेक्टर अजमेर को पत्र लिखकर विभिन्न स्तरों पर अवगत कराकर सुझावों को अमल में लाने का आग्रह किया गया है।

जल संरक्षण फाईसागर, आनासागर, बिचला पाल व खानपुरा तालाब होता हुआ लूणी नदी व आगे चला जाता है। इस जल संरक्षण के लिए चैनल गेट भी लगाये गये थे, जिन्हें अब चौक करना होगा व पूर्व की भांति जल भराव के लिए अधिकतम स्टोरेज हो यह पाबंद किया जाये।  पहाड़ियों से पानी सरोवरों, तालाब, कुंओ, झालरों व बावड़ियों में आकर एकत्रित भी होता था, प्रकृति के साथ छेडखानी कर वहां मकानों व अवैध निर्माण हो गया, जिन्हें पूर्व की भांति अस्तिव में लाना होगा, जिससे पीने के पानी का विकल्प भी हो सकेगा। आनासागर की भराव क्षमता को कम किया गया है, जिसे पूर्व की भांति होना आवश्यक है। उच्च न्यायालय द्वारा बीचला पाल व आनासागर झील में मूल रिकॉर्ड के अनुसार व्यवधानों को हटाने के आदेशों के उल्लंघन पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए।

पहाड़ियों के बरसाती पानी को पहाड़ के नीचे चारों तरफ नहर व एनिकेट बनाकर संग्रहण के लिए नहर व एनिकट के ऊपर सड़क बनाकर रिंग रोड के उपयोग में भी लिया जा सकता है। साथ ही पानी को संग्रहण हेतु योजना बनानी होगी। पहाड़ों व अन्य स्थानों पर वनस्पति को नहीं कांटा जाये, शहरी क्षेत्रों में जमीन में पानी जाने के स्त्रोतों का भी निर्माण होना चाहिए, जिससे जमीन का वाटर लेवल बढ़ सकें। झीलों व बावड़ियों की सफाई के लिए जन जागृति लाकर कार सेवा भी कराई जानी चाहिए।

बरसाती पानी के निकासी के लिए बाड़ी नदी व एस्केप चैनल की सफाई, मरम्मत व नाले की ऊंचाई के लिए वित्त प्रबंधन कर आम जन व निचली बस्तियों को राहत दी जा सकती है।  योजनाएं तो पूर्व में भी बनी हैं, परन्तु तालमेल की वजह से सभी योजनाऐं समय के साथ ठंडे बस्तें में चली जाती है। सरकार, प्रशासन व जनता भी तत्कालीन समस्याओं को अन्य समस्या आने पर भूल जाती है। समस्या पुनः आने पर ही सब एक साथ वापस जागते है।

एस्केप चैनल की सफाई वर्ष में दो बार अक्टूबर व अप्रेल में कराई जाये व सफाई ठेकेदारों को भुगतान पूर्ण गहराई तक सफाई व मलवा निकालकर नीचे का धरातल दिखने क बाद ही हो। शहर की नियमित रोजाना सफाई से संबंधित ठेकेदारों व कर्मचारियों को पाबंद किया जाये कि सड़क का कचरा डिपों तक पहुंचाकर मलबे को दूर ले जाकर उसका निस्तारण किया जाये। उस कचरे को नाली में नहीं डाला जाये। अजमेर में सिवरेज लाईन की ढलान को भी जांच की जाये व नियमित सफाई के लिए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को पाबंद किया जाये।

शहर में कचरा एकत्रितकरण की योजना को और बढ़ाया जाये, मकानो व व्यवसायिक स्थलों से कचरें को सूखा व गीला अलग-अलग प्राप्त किया जाये, जिससे कचरा नालियों में नहीं जायेगा। प्लास्टिक के उपयोग को नहीं करने के लिए सख्ती से पालना व कार्यवाही नियमित रूप से हो। पानी के निकासी का नवीनतम मास्टर प्लान व मॉडल बनाकर आवश्यकता अनुसार चौड़ा व गहरा होने पर विचार कर वित्त प्रबंधन किया जाये, जिसमें शहर में एकत्रित पानी की निकासी, नालों के उच्चतम बहाव से ऊपर हो।

वर्षा से पूर्व पानी की निकासी के नाले-नाली, एस्केप चैनल व सभी स्त्रोतों का निरीक्षण कर सभी विभागों को पाबंद करे।  नो कंस्ट्रक्शन जोन जो बनाये गये है उन पर अतिक्रमण ना हो इसके लिए 365 दिन विभाग को सचेत रहना होगा। आनासागर में मिलने वाले 13 नालों (काजी का नाला, क्रिश्चयनगंज, अफ्सरा मैशन, शांतिपुरा, आंतेड़, वैशालीनगर, चौरासियावास, रांतीड़ाग, रिजनल कॉलेज, कोटड़ा, बाड़ी, महावीर कॉलोनी, नागफणी नाला) के बरसाती पानी व गंदे पानी के लिए अलग-अलग व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे आनासागर में स्वच्छ पानी रहे।

सड़कों के टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पूर्व सड़क के दोनों तरफ नालियों की गहराई व ढ़लान के लिए विभागों को पाबंद करना। नागरिकों को पानी के निस्तारण में आने वाली समस्याओं के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना। वेस्ट पानी को रिसाईकिल कर पुनः उपयोग में लाने की भी योजना बने। मकानों व व्यवसायिक परिसरों की छतों के पानी को संग्रहित करने के लिए निर्देशों का पालन कराया जाये। सभी विभागों मंे तालमेल, व्यवारिकता से होना अति-आवश्यक है।

ज्ञातव्य रहे कि विजन अजमेर सरकार, शासन, प्रशासन से आमजन की समस्याओं व अजमेर के विभिन्न क्षेत्रों में संपूर्ण विकास के लिए सेतु का कार्य कर रही है। अजमेर की पुरानी मुख्य समस्या बरसाती पानी की निकासी के स्थाई समाधान के सुझाव के अमल में आने पर पर्यटन व विकास को एक नये पंख लग सकेगें।

कोर कमेटी में समन्वयक कंवल प्रकाश किशनानी, वेद माथुर, गिरधर तेजवानी, अनिल जैन, उमेश चौरसिया, दिनेश गर्ग, महेन्द्र कुमारी तीर्थाणी, अनिल पाटनी, विनीत लौहिया, गोविन्द देव व्यास,दिलीप पारीख, हेमन्त रावत, जिनेन्द्र सोगानी व सदस्य मासिक बैठक कर अजमेर के विभिन्न विषयांे पर चर्चा कर समाधान की ओर कार्य कर रहे है।

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