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अजमेर शहर की मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी पर प्रशासन को लिखा पत्र

अजमेर शहर की मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी पर प्रशासन को लिखा पत्र

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
कॉमन कॉज सोसाइटी अजमेर सदैव सामाजिक एवं शहर की 5 सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं के प्रति सजगता से अपना दायित्व निभाती है, इसी संदर्भ में  हुए शासन और प्रशासन को समाधान हेतु संस्था द्वारा एक बैठक रखी गई जिसमें  संस्था के अध्यक्ष एच एम जैन, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बैजल, उपाध्यक्ष डॉ  निर्मला नुवाल, वित्त सचिव श्री धनराज चौधरी, कार्यकारिणी सदस्य डॉक्टर श्री राजेंद्र तेला,श्री सुनील जालोरी, श्री रमाकांत अग्रवाल, श्री गिरधारी लाल मंगल एवं महासचिव विनीत लोहिया उपस्थित रहे।

संस्था महासचिव विनीत लोहिया ने बताया कि बैठक के पश्चात् प्रशासन को पत्र लिखकर अजमेर की समस्याओं से अवगत कराया है जिसमें अवगत कराया गया है कि

1. आनासागर झील पर अतिक्रमणों से इसकी भराव क्षेत्र में भारी मात्रा में कमी आई है। वर्षा ऋतु में इसके ओवरफ्लो होने से सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है जो एक स्मार्ट सिटी की असफलताओं को दर्शाता है।

2. पिछले कई वर्षों से स्मार्ट सिटी और अन्य परियोजनाओं के अंतर्गत इस झील एवं आसपास के क्षेत्र में सुधार किया जाना था परंतु विपरीत इसके गलत सोच एवं तकनीकी ज्ञान के अभाव में पांथ वे,सेवेन वंडर्स एवं अन्य स्थाई व अस्थाई निर्माण कार्यों से समस्याओं ने विकराल रूप ले लिया है इसके चलते आम शहर वासी का दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित रहता है।

3. शहर की सड़कों के हालात अत्यंत दयनीय स्थिति में है। इसके चलते आए दिन दुर्घटनाओं में जनहानि के साथ मानसिक प्रताड़नाओं से भी गुजरना पड़ता है। मार्टिनल ब्रिज से पुरानी लोक सेवा आयोग बिल्डिंग तथा फव्वारा चौराहे तक एलिवेटेड रोड के कारण सड़कों की दुर्दशा से सामान्य यातायात व्यवस्था तथा व्यापारियों को विपरीत हालातो का सामना करना पड़ रहा है।

4. शहर के अनेक मार्ग ऐसे हैं जिन पर सही डिवाइडर नहीं होने, यातायात लाइटर की कमी एवं सुचारु रूप से संचालन, आवारा पशुओं की निरंकुश उपस्थित से किसी दुर्घटनाओं का अंदेशा बनाए रखती है।

5. एलिवेटेड रोड की तकनीकी कमियों को दूर करने शहर के यातायात को सहज एवं सुगम बनाने हेतु भी किसी विशेषाधिकार कमेटी का गठन करते हुए इसे सुगम बनाने का भी सुझाव है।

6. शहर की अधिकांश सड़कों पर फुटपाथ नहीं होने से सामान्य शहर वासी को भारी परेशानी होती है। साथ ही फुटपाथों पर अतिक्रमणों के चलते पैदल यात्री को मुख्य सड़कों पर चलने पर मजबूर होना पड़ता है इस संबंध में एक समन्वय समिति के गठन का भी अनुरोध है।

7. शहर की जल सप्लाई व्यवस्था बुरी तरह बिखरी हुई है जहां नियमित सप्लाई 48, 72 घटों या इससे भी अधिक अवधि के अंतराल में होती है। पिछले कई वर्षों से आम शहरवासी इस समस्या से जूझ रहा है परंतु अभी तक इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकला है।

8. शहर के अधिकांश नालों और नालियों की नियमित एवं नियमानुसार सफाई व्यवस्था की अनदेखी से वर्षा ऋतु में होने वाली समस्याओं का निवारण करना भी सुनिश्चित किया जाना है।

9. शहर की आम सड़कों पर आवारा पशुओं का बिना रोक-टोक उपस्थिति से सड़क दुर्घटनाओं की भी आशंकाएं बनी रहती है।

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1 टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
आप को साधुवाद आपकी बात आप किसको सुना रहे हैं ये लूले लंगड़े बहिरों का शहर है।नेता और प्रशासन चाहे तो 2 महीने के अन्दर दुबई हो जाए।आप कोशिश जारी रखें।घनश्याम।