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कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम : देश को युवाओं से अनेक आशा और अपेक्षाएं

कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम : देश को युवाओं से अनेक आशा और अपेक्षाएं

युवा देश के कर्णधार, कश्मीरी  युवा राजस्थानी संस्कृति से हुए अभिभूत

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। गृह मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय नेहरू युवा केन्द्र अजमेर द्वारा आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के तहत कश्मीरी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम  वतन को जानो का आयोजन किया जा रहा है । इसमें नेहरू युवा केन्द्र अजमेर के जिला युवा अधिकारी श्री जयेश मीना ने कश्मीरी युवाओं को स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात कर उनके जीवन से प्रेरणा लेकर सतत् सीखने का प्रयास करने का आह्वान किया। 

उन्होंने बताया कि युवाओं की भागीदारी एवं उनके प्रयासों से ही भारत विश्व गुरु बनेगा। वतन को जानो कार्यक्रम में देश को जानने के साथ-साथ एक दूसरे से पारस्परिक संवाद करने के अवसर प्राप्त होते हैं। अजमेर से कश्मीर लौटने पर अपने परिवार, समाज के लोगों में राजस्थान की संस्कृति, रीति रिवाज़ों, खानपान, पहनावा और विविधता में रची बसी एकता की ताकत बताए।

सन्दर्भ व्यक्ति एवं वक्ता डॉ. मनोज अवस्थी प्रोफेसर राजनीतिक विज्ञान सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर ने अपने सम्बोधन में कश्मीरी वैली के मुद्दों पर विषयगत चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी समस्या को जानने के लिए उसकी गहराई और इतिहास को समझना होगा। इसके लिए आर्थिक विकास को बढ़ाना होगा। रोजगार एवं पर्यटन, लघु उद्योग को प्रोत्साहित कर युवाओं के हुनर को पहचानना होगा। हमें रोजगार के साथ साथ विकास की जरूरत है। जितना हम देश से जुड़ना चाहते हैं, यह देश भी उससे आगे जुड़ना चाहता हैं। युवा आगे बढ़ते हुए संविधान के प्रावधानों के अन्तर्गत ही बदलाव के लिए तैयार रहें। स्टार्टअप से कोई भी नया काम प्रारंभ कर देश के विकास में भागीदार बन सकते है। क्षेत्र की शान्ति के लिए जरूरी है एक दूसरे पर विश्वास करें।

महिला जन अधिकार समिति की प्रबंधक ध्वनि मिश्रा ने कैरियर काउंसलिंग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी रुचि हमारी क्षमताओं को विकसित करती हैं। हमारी भविष्य के बारे में क्या सोच है, हमारी अपेक्षाएं, सुनने की क्षमता, मानव मस्तिष्क में ग्रहण करने की क्षमताओं को पहचानना होगा। समय की पाबंदी, सीखने की कला, व्यवहार  हमारे व्यवहारिक जीवन में आवश्यक हैं। हम किसी कार्य को जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। हमारी कमियों, कम्युनिकेशन स्केल, समय प्रबंधन स्थानीय अवसरों को भी केरियर के साथ देखना होगा। हम अपना नेटवर्क को बढ़ाने, मार्केट का मूल्यांकन करने, चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ेगा। 

इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. संजय राय, डॉ. अभिषेक ठाकुर, डॉ. सुधीर मस्के ने भी अपने विचारों से कश्मीरी युवाओं को बदलाव के लिए चेंजमेकर बन कर कार्य करने, युवा देश का भविष्य है, बदलाव के लिए स्वयं में बदलाव करना होगा तभी समाज में बदलाव आएगा। हमें रोल मॉडल बनकर देश के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया। 

तृतीय सत्र में अनूप कुमार आत्रोय सहायक आचार्य अर्थशास्त्रा विभाग सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर ने विकसित भारत-2047 ने युवाओं से 2047 के भारत के लक्ष्य को अपने दिमाग में बनाने की बात कही । विकसित भारत में हमारा क्या सहयोग हो सकता है, ये सवाल हमे खुद से पूछना है । अपने जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए उत्पादन क्षमता, आत्मनिर्भरता एवं समता बनाये रखने की बात कही।

कश्मीरी युवाओं ने समूह नृत्य की प्रस्तुति की । श्रीनगर से तौश-तौश नृत्य की प्रस्तुति हुई। इसमें बुलबुल के माध्यम से आजाद परिंदे की भावना को दर्शाया गया । अनंतनाग से प्रतिभागियों ने रूफ रानी दामन की प्रस्तुति दी। बारामूला से अबशार-अबशार प्रणय गीत पर समूह नृत्य की प्रस्तुति दी । बारामूला से समूह नृत्य में पंजाबी गीत दिल ले गयी कुड़ी-कुड़ी गुजरात दी पर प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में कश्मीर के छः जिलों बारामूला, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर, अनंतनाग एवं बड़गांव से करीब 132 युवा भाग ले रहे हैं।

इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र चूरू के जिला युवा अधिकारी मंगलराम जाखड़ एवं जिला युवा अधिकारी अलवर पंकज यादव भी उपस्थित थे। मंगल राम जाखड ने नेहरू युवा केन्द्र संगठन की रूप रेखा से सभी को अवगत कराया । अनंतनाग के नौमान चौधरी ने नेहरू युवा केन्द्र को नौजवानों की आवाज उठाने का माध्यम बताया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शिल्पा कच्छावा उपाचार्य राजकीय केंद्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरानी मंडी अजमेर ने किया। रेखा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन में विशेष योगदान दिया । महाराणा प्रताप युवा मंडल के सदस्यों ने स्वयंसेवक के रूप में सहायता दी ।

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