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हिंदी है तो हम हैं, हिंदी है तो हिंदुस्तान है : गीत ग़ज़ल और कविताओं से सजी साहित्य धारा

हिंदी है तो हम हैं, हिंदी है तो हिंदुस्तान है : गीत ग़ज़ल और कविताओं से सजी साहित्य धारा

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजयमेरु प्रेस क्लब की मासिक साहित्यिक गोष्ठी साहित्यधारा, रविवार को क्लब के सभागार में आयोजित की गई । जिसमें अजमेर के अनेक प्रबुद्ध साहित्यकारों  ने शिरकत की एवं अपनी एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में सर्व प्रथम रमेश चंद भाट ने अपनी रचना हिंदी में वो ताकत है जो  पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोती है प्रस्तुत कर गोष्ठी का सुंदर आगाज़ किया। उसके पश्चात  वरिष्ठ गजलकार तस्दीक अहमद खान ने बेटी दिवस पर अपनी रचना " जिस घर में लक्ष्मी बन कर आती हैं बेटियां उस घर में खूब बरकतें लाती हैं बेटियां और गज़ल मुद्दतों से वो आजमाते हैं मुझको अपना कहां बनाते हैं "  प्रस्तुत कर दर्शकों की दाद बटोरी। उसके पश्चात कार्यक्रम के संयोजक कवि एवं व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता ने अपनी रचना " हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है गौरव है सम्मान है हिंदी है तो हम हैं हिंदी है तो हिंदुस्तान है " सुनाकर श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।उसके पश्चात कवयित्री काजल खत्री ने " रदीफ क़ाफिया मिल रहे हैं अब आंखो में इश्क की गज़ल गुनगुनाने के दिन आ रहे हैं, ", गजलकार रजनीश मैसी ने "रिश्ता रिवाजों में ही सिमट कर रह जाता है और अपनों में से ही कोई गैर निकल आता है ",  प्रतिभा जोशी ने अपनी लघुकथा " रिश्ते ", बनबारी लाल शर्मा ने " पिता ही है हमारे घर की चारदीवारी पिता में ही समाई है दुनिया सारी " , पुष्पा क्षेत्रपाल ने " हाय बुढ़ापा जबसे आया हो गए हम बेकार " , रंजना शर्मा ने " कहानी अतीत की यादें," कुलदीप खन्ना ने "पिंजरे का पंछी एक दिन तो उड़ जायेगा ,  क्या साथ लाया था क्या साथ ले जायेगा,"  अनिता यादव ने " इस अधूरी कहानी को आज पूरा कर ही डालूं , सोचती हूं जिंदगी में हादसा कुछ कर ही डालूं " ,  वरिष्ठ कवयित्री कुसुम माथुर ने " हिंदी जन जन की भाषा है जीवन की पहचान है " , ब्यावर से आए कवि चंद्रभान ने " मुर्दों की इस बस्ती में सब मस्त कलंदर हैं " आदि रचनाएं प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगाए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गजलकार तस्दीक अहमद खान ने की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवि एवम व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता ने अनेक शेर और मुक्तक प्रस्तुत किए।

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