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जल भराव वाले क्षेत्रों में गड्डों के लिए संकेतिक बोर्ड लगाएं : कलेक्टर

समन्वय बैठक आयोजित
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। विभागों में आपसी समन्वय के लिए सोमवार को जिला कलेक्टर लोक बन्धु की अध्यक्षता में साप्ताहिक समन्वय बैठक आयोजित हुई। इसमें अतिववृष्टि की क्षेत्रवार समीक्षा की गई। 

जिला कलेक्टर लोक बन्धु ने कहा कि अतिवृष्टि से होने वाले प्रभावों से बचने के लिए समस्त जल स्त्रोतों के पास मिट्टी के कट्टे संग्रहित करके रखें। इसके अतिरिक्त आरक्षित कट्टों की भी व्यवस्था करके रखे। संचार के लिए सामान्य माध्यमों के अतिरिक्त वैकल्पिक माध्यमों की भी जांच अग्रीम कर लें। जल भराव वाले क्षेत्रों में गड्डों के लिए संकेतिक बोर्ड लगाएं। आवश्यकता होने पर बैरिकैटिंग भी करावें। सिविल डिफेन्स के स्वयं सेवकों की अतिरिक्त तैनातगी करें। 
उन्होंने कहा कि अजमेर नगर निगम के आयुक्त देशल दान को अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न परिस्थिति के प्रबन्धन के लिए नोडल नियुक्त किया गया है। इनके द्वारा समस्त विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में सिवरेज के जाम को ठीक कर गन्दे पानी का फैलाव रोकें। सिवरेज के धंसे एवं टूटे  मेनहॉल का चिन्हीकरण कर मरम्मत सुनिश्चित करें। आनासागर एस्केप चैनल में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा के सम्बन्ध में उच्च स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही परिवर्तन किया जाएगा। नगर निगम द्वारा जल भराव क्षेत्रों का ड्रोन सर्वे कराया जाए। विद्युत विभाग के द्वारा करण्ट आने की सूचना मिलने पर सप्लाई बन्द कर दुर्घाटना से बचाव करें। इसी प्रकार भूमिगत केबल सिस्टम की सुरक्षा ऑडिट लगातार की जाए। खराब ट्रांसफामर्स को 24 घण्टे में बदलें। 
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा प्रमुख सड़कों की डब्ल्यूबीएम मरम्मत कर मोटरेबल की जाएगी। कचहरी रोड की सड़कों पर आजरात ही कार्य कर सुगम यातायाता सुनिश्चित करें। अजमेर डेयरी की सप्लाई वाली सड़कों को भी ठीक करें। दौराई अण्डरपास से 12 फीट  ऊंचें दुग्ध वाहनों से दुग्ध सप्लाई जारी रखी जाए। इसी प्रकार सर्किट हाऊस की दीवार को भी ठीक करें। अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा हाथी खेड़ा गांव से फॉयसागर तक की सड़क को भी सही करने की कार्यवाही की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्त्रोतों के निकट नहीं जाने के लिए जागरूकता पैदा करें। बडे़ तालाबों के पास सुरक्षित स्थान पर मिट्टी के कट्टे रखवाएं। कहीं रिसाव की सूचना मिलते ही तत्काल रिपेयर करें। सड़कों पर बहते पानी के मध्य से आवागमन को रोक दें। इसके लिए अवरोध लगाने के साथ ही स्थानीय नरेगा मेट की ड्यूटी लगाएं। जिले में भावी अतिवृष्टि के दौरान व्यक्तियों को सुरक्षित ठहराने के लिए भवनों का चिन्हीकरण करें। क्षतिग्रस्त सड़कों, विद्यालयों, अस्पतालों सहित समस्त राजकीय सम्पति की मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किए जाए। 
उन्होंने कहा कि पानी के उतरने के साथ संक्रमण एवं मौसमी बिमारियां की रोकथाम के लिए घर-घर सर्वे करें। सामान्य मरीजों का मौके पर ही उपचार करें। लम्बे जल भराव वाले क्षेत्रों मे रह रहे परिवारों के लिए दवाओं के किट भी तैयार करें। 
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त  नित्या के., नगर निगम के आयुक्त देशल दान, अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं ज्योति ककवानी, प्रशिक्षु आईएएस महिमा कसाना, उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट, उपखण्ड अधिकारी अपूर्वा परवाल सहित अधिकारी उपस्थित रहे।

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