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बाढ़ एवं आपदा प्रबन्धन-2024 : प्रभारी सचिव नवीन जैन ने ली समीक्षा बैठक

बाढ़ एवं आपदा प्रबन्धन-2024 : प्रभारी सचिव नवीन जैन ने ली समीक्षा बैठक

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
जिले में बाढ़ एवं आपदा प्रबन्धन-2024 के सम्बन्ध में प्रभारी सचिव नवीन जैन के द्वारा मंगलवार को समीक्षा बैठक ली गई। जिला कलेक्टर लोक बन्धु ने प्रशासन द्वारा किए गए कार्यो से अवगत कराया।


प्रभारी सचिव नवीन जैन ने जिले में अतिवृष्टि के कारण जल भराव के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ चर्चा की। अजमेर शहर में आनासागर, फॉयसागर, खानपुरा तथा चौरसियावास के अतिरिक्त जिले के अन्य बड़े तालाबों एवं बांधों में जल स्तर के बारे में जानकारी ली। किसी भी स्थान पर जल रिसाव एवं पाल टूटने से पहले ही आवश्यक उपाय करने के निर्देश किए। जिले में अब तक हुई वर्षा तथा पूर्व की औसत वर्षा की तुलना के आधार पर बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। पुरानी चौपाटी, सागर विहार, वन विहार, मांगीलाल साहू का कुआं, गुलमोहर पाल, काला बाग, गुलाब बाग, शिवाजी उद्यान, ब्रह्मपुरी, आम का तालाब, पाल-बीछला, ईश्वर बस्ती, माखुपुरा चौराहा, हरिजन बस्ती, यादव बस्ती, सुन्दर विहार कॉलोनी, एचएमटी सहित समस्त स्थानों पर भरे वर्षा जल की निकासी सुनिश्चित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि जिले के समस्त तंत्र में रूकावट रहित जल निकासी होनी चाहिए। उनमें जमा मिट्टी, झाडियां, पौधे, प्लास्टिक जैसी सामग्री को लगातार पेशेवर तरीके से हटाते रहें। प्रवाह में किसी प्रकार का अवरोध नहीं रहना चाहिए। आबादी क्षेत्रों से पानी उतरने के उपरान्त एण्टीलारवा एक्टिविटी करें। डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारी होने से क्षेत्र में फोगिंग भी की जाए। घर-घर सर्वे के लिए नियुक्त टीमों के प्रभारियों के साथ प्रतिदिन सायं को बैठक लेकर कार्य की समीक्षा करें।

उन्होंने कहा कि फॉयसागर झील सहित बड़े जल स्त्रोतों पर 24 घण्टे निगरानी तन्त्र आरम्भ होना चाहिए। आपात स्थिति के लिए पर्याप्त मिट्टी के कट्टे जल स्त्रोत के पास रखें। साथ ही कलस्टर बनाकर अतिरिक्त कट्टे भी तैयार कर एक स्थान पर रखवाएं। आवश्यकता पड़ने पर किसी भी स्थान पर उनका उपयोग किया जा सके। कट्टों के संग्रहण स्थल तथा जल स्त्रोतों के मध्य दूरी कम हो तथा वहां तक आवागमन के लिए मोटरेबल सड़क होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि फॉयसागर झील के कैचमेंट एरिया में बारिश होने की स्थिति में इससे जल निकासी किए जाने की दशा में पूरी कार्य योजना अग्रीम बनाएं। निकासी किए गए जल के मार्ग तथा उसके मध्य में आने वाली आबादी के बचाव को भी कार्य योजना में शामिल किया जाना चाहिए। इस क्षेत्र के निवासियों के लिए वैकल्पिक ठहरने के लिए सुरक्षित स्थानों का चिन्हीकरण करें। जिले के समस्त जल स्त्रोतों के लिए निकट रूप से निवासरत गोताखोरों को भी अलर्ट मोड में रखों। कार्यरत मडपम्पों एवं वाटर पम्पों के प्रभारी एवं जनप्रतिनिधि आपसी समन्वय के साथ कार्य करेंगे।

इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त एवं प्रभारी देशल दान, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के., पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार, प्रशिक्षु आईएएस महिमा कसाना, अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं ज्योति ककवानी, उपखण्ड अधिकारी  अपूर्वा परवाल, पुलिस उप अधीक्षक डॉ. दुर्ग सिंह सहित अधिकारी उपस्थित रहे।

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