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अभियान उल्लास : अजमेर जिले को सर्वोच्च स्थान प्राप्त, 303 गुमशुदा महिला व पुरुषों का पता लगाया

अभियान उल्लास : अजमेर जिले को सर्वोच्च स्थान प्राप्त, 303 गुमशुदा महिला व पुरुषों को किया गया दस्तयाब

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश के लिए राजस्थान पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाए गए अभियान “उल्लास” एक महीने चले इस अभियान के दौरान पुलिस ने प्रदेश में 3826 गुमशुदा महिला एवं पुरुषों पता लगाने में सफलता हासिल की। गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाए गए अभियान "उल्लास" के सार्थक परिणाम देखने को मिले हैं। एक महीने चले इस अभियान के दौरान अजमेर पुलिस ने 303 गुमशुदा महिला एवं पुरुषों का पता लगाने में सफलता हासिल की। 

अजमेर पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र बिश्नोई  के निर्देशन में योगेन्द्र सिंह फौजदार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व नेमीचन्द उपअधीक्षक के सुपरविजन में जिला अजमेर में प्रत्येक थाने से दो अधिकारी कर्मचारी को लेकर जिला स्तर पर प्रभारी मानव तस्करी विरोधी यूनिट हरीश पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया जाकर अभियान उल्लास में 303 पुरूष महिलाओ का पता लगाया। जिनमें ऐसे कई एमपीआर थे जो कि कई वर्षो पूर्व दर्ज थी, जिनमें से कोई अन्य जिलो, राज्यो व कुछ विदेशों में भी निवासरत थे उनके बारे में जानकारी एकत्रित कर टीम के सदस्यों को उनके निवासरत स्थान पर भेज पुख्ता जानकारी प्राप्त करी व उनकी कुशलक्षेम प्राप्त करी। मानव तस्करी विरोधी यूनिट द्वारा गुमशुदाओ को दस्तयाब कराने में जिला स्तर पर सुपरविजन कर महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गई। 

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राइट्स एवं एएचटी भूपेंद्र साहू ने बताया कि गुमशुदा व्यक्तियों के पेंडिंग प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से पिछले महीने 1 से 31 अगस्त तक विशेष अभियान "उल्लास" चलाया गया।

जिला अजमेर में इस प्रकार 823 गुमशुदाओ में से कुल 37 प्रतिशत बरामदगी की गई। पुलिस मुख्यालय द्वारा राज्य मे अजमेर जिले को सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर टीम को पारितोषिक वास्ते घोषणा की गई है। भविष्य में भी अच्छा कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारियो को पुरुष्कृत किया जावेगा। अभियान में जिला अजमेर से पुलिस थाना दरगाह, पुलिस थाना गंज, पुलिस थाना नसीराबाद सदर थानों ने सर्वाधिक गुमशुदगी का निस्तारण किया।

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