अजमेर (अजमेर मुस्कान)। फॉयसागर झील के ऑवरफ्लो होने से उसकी दोनों पाल का संयुक्त दल द्वारा निरीक्षण करने के उपरान्त उन्हें सुरक्षित पाया गया।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ज्योति ककवानी ने बताया फॉयसागर की सम्पूर्ण पाल का निरीक्षण करने एवं उसमें तत्काल किए जाने वाले सुधारात्मक प्रयासों का आकलन कर कार्य शुरू करने के लिए जिला कलेक्टर लोक बन्धु द्वारा तकनीकी अधिकारियों की समिति का गठन किया गया है। इसमें अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता अजमेर विकास प्राधिकरण, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजमेर स्मार्ट सिटी, अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग एवं अधीक्षण अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस कमेटी द्वारा सोमवार को फॉयसागर झील तथा उसके केचमेण्ट एरिया के साथ-साथ पाल का भी निरीक्षण किया गया। फॉयसागर झील की हाथीखेडा रोड स्थित वेस्टवियर पर जहां-जहां पानी का रिसाव व गेटों के पास से हो रहे पानी के रिसाव को रोकने के लिए लगाए गए कट्टों व पाल की मजबूती के लिए किए गए कार्यो का निरीक्षण किया गया। कमेटी द्वारा यह निष्कर्ष निकाला गया कि पर्याप्त मात्रा में कट्टे लगवाकर पाल को सुरक्षित कर दिया गया है। प्रथम दृष्टिया में दोनों पाल सुरक्षित है। मानसून विभाग द्वारा की गई आगामी वर्षा की फॉरकास्ट रिपोर्ट देखते हुए मौके पर अतिरिक्त कट्टों के स्टॉक के साथ-साथ मानव संसाधनों की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अजमेर जिले की औसत वर्षा 550 एमएम है। इस वर्ष अजमेर जिले में औसत वर्षा 9 सितम्बर तक 690.69 एमएम है। यह अजमेर जिले की औसत वर्षा से 25.58 प्रतिशत अधिक है। अजमेर शहर में इस वर्ष अब तक 888 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। फॉयसागर झील की चादर इस मानसूनकाल में अधिकतम 6 सितम्बर को एक फीट चली थी। इससे एक दिन में 78.935 एमसीफीट पानी की निकासी हुई। इस वर्ष फॉयसागर झील से आज तक 489.58 एमसीफीट पानी ऑवरफ्लो होकर बांडी नदी से होते हुए आनासागर झील में गया है।
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