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एक शाम मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार के नाम कार्यक्रम में कलाकारों ने बांधा समां

अजमेर (अजमेर मुस्कान)

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजमेर शहर का सुर संगम संगीत समूह  के  तत्वाधान में 31 जुलाई को मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि एवं 4 अगस्त को किशोर कुमार के जन्मदिवस के उपलक्ष में "एक शाम मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार के नाम" कार्यक्रम अजमेर के एक होटल में गानों का सफलतापूर्वक कार्यक्रम एडमिन दयाल प्रियानी के सानिध्य में आयोजित किया गया ।

प्रकाश जेठरा ने बताया कि कलाकारों की बेहतरीन बरसात की थीम पर आधारित गानों की प्रस्तुतियों ने समा बांध लिया और झूमने लगे । इस अवसर पर राजेन्द्र सोनी ने "दिल का भंवर करे पुकार" दयाल प्रियानी ने "रंग और नूर की बारात" लक्ष्मण चेनानी ने "मै तेरे प्यार मे पागल" मंजू चेननी ने "करवटे बदलते रहे" प्रनय नंदी ने"किसी ने कहा है मेरे दोस्तों" भारती नंदी ने "दिल अपना और प्रीत पराई" कमल शर्मा ने "जान पहचान हो जीना आसान हो" प्रकाश जेठरा ने "आज रपट जाएं तो हमे न उठइयो" ग्रेसी मेम ने "ओ मेरे राजा"प्रकाश झमटानी ने "ठंडी हवा ये चांदनी" अरविंद शुक्ला ने" जिया ओ जिया कुछ बोल दो" शंकरलाल धनवानी ने "लोग कहते हैं मैं शराबी हूं" महेश सोनी ने "आज मौसम बड़ा बईमान है" लक्ष्मण हरजानी ने "लाखों है निगाह मे जिंदगी" किशन लालवानी ने "दिल तेरे बिन कहीं लगता नही" विजय सोनी ने "धीरे धीरे चल चांद गगन मे" चंदा भोजवानी ने "आंखों मे हमने आपके सपने सजाए है"यज्ञदत्त शर्मा ने "झिल मिल सितारों का"महादेव कर्मवानी ने "दिल एक शायर है" दिलिप बच्चानी ने "तुम जो मिल गए हो" आदि कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया ।

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