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एक शाम कृष्ण कन्हैया के नाम कार्यक्रम में कलाकारों ने बांधा समां

एक शाम कृष्ण कन्हैया के नाम कार्यक्रम में कलाकारों ने बांधा समां

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजमेर शहर का सुर संगम संगीत समूह  के  तत्वाधान में बुधवार को  एक कार्यक्रम अजमेर के एक होटल में जन्माष्टमी से संबंधित गानों का सफलतापूर्वक कार्यक्रम एडमिन दयाल प्रियानी के सानिध्य में आयोजित किया गया ।

प्रकाश जेठरा ने बताया कि कलाकारों की बेहतरीन जन्माष्टमी की थीम पर आधारित गानों की प्रस्तुतियों ने समा बांध लिया और झूमने लगे । इस अवसर पर प्रकाश झमटानी ने "श्याम तेरी बंसी" मीना खियालानी ने " बड़ा नटखट है कृष्ण कन्हैया" दयाल प्रियानी ने "तोरा मन दर्पण कहलाए" पूनम गीतांजलि ने "एक राधा एक मोहन" महेश लोंगानी ने अरे द्वारपालो कन्हैया से"धर्मेन्द्र केवलानी ने आशाओं के सावन में"महेश सोनी ने"मेली चादर ओढ़ के केसे"लक्ष्मण हरजानी ने "कही धूप कही छांव" किशन लालवानी ने "मुबारक हो सबको", विजय सोनी ने"हे रामचंद्र कह गए सिया से” चंदा भोजवानी ने "लाख छुपाओ छुप न सकेगा" लक्ष्मण चेनानी ने "किसी राह पर किसी मोड़ पर"राजेंद्र सोनी ने ये जुल्फ अगर खुलकर बिखर"प्रकाश जेठरा ने"दिल में हो तुम आंखो में तुम"अरविन्द शुक्ला ने "मेरी महोब्बत जवा रहेगी"यज्ञदत्त शर्मा ने "हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी" दिलिप बच्चानी ने "सांवली सूरत पे मोहन" हरीश मसंद ने कहीं दूर जब दिन ढल जाए"आजाद अपूर्वा ने ऐ जिंदगी गले लगा ले"विजय सिंह चौहान ने"दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी" कमल किशोर मेहरा ने "आना है तो आ" आदि कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया । कार्यक्रम का संचालन श्रीमति भारती नंदी द्वारा किया गया।

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