अजमेर (अजमेर मुस्कान)। बाढ़ से बचाव के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा अजमेर जिले में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान जनजीवन को सामान्य बनाए रखने के लिए बाढ़ से बचाव के संबंध में प्रशासन द्वारा विभिन्न सलाह जारी की गई है। इसके अनुसार बाढ़ आने से पहले भी सजग होकर उपाय करने चाहिए। उन्होंने बताया कि अपने सभी महत्वपूर्ण कागज, कीमती जेवर व अन्य सामान एक बक्से में रख कर उसे सुरक्षित स्थान पर रख दें। बाढ प्रभावित इमारत से दूर रहें। यदि आपका घर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हो तो पूर्ण सावधानियां बरतें। बाढ की स्थिति में प्रमुख जरूरतें पूरी करने के लिए घर में रसोई, भण्डार गृह व लैटरिन का स्तर ऊंचा करा लें।
उन्होंने कहा कि ताजा संकट कालीन सूचनाओं के लिए रेडियो तथा टेलीविजन को निरंतर ध्यानपूर्वक सुनें। बाढ के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। चेतावनी का मतलब होता है कि बाढ आपके क्षेत्र में आ सकती है अथवा आना आरम्भ हो गयी है। बाढ़ की सम्भावना होने पर तुरन्त अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। पलायन करते समय अपने पालतू जानवरों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की व्यवस्था करें। सुरक्षित स्थान नहीं मिलने पर जानवरों को खोल दें ताकि वे स्वयं सुरक्षित स्थान ढूंढ सकें। बाढ़ आने से पहले गाड़ी चलाना अधिक सुरक्षित व आसान होता है इसलिए कोशिश करें कि आप शीघ्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकल जाएं। यदि सुरक्षित स्थान पर पहुंचना सम्भव नहीं हो तो अपने घर में प्राथमिक चिकित्सा का सामान तथा अन्य खाद्य सामग्री व पेयजल पर्याप्त मात्रा में ऊंचे व सुरक्षित स्थान पर रख लें।
उन्होंने कहा कि बाढ के समय अपने घर के सभी विद्युत उपकरणों व मुख्य स्विच को बंद कर दें। घर के अन्दर, कमरे में पानी भरना शुरू हो गया हो तो तुरन्त छत पर चले जाएं। जहरीले जन्तुओं के प्रति सतर्क रहें। साफ जल एवं ताजा खाद्य सामग्री का ही प्रयोग करें। खुले में होने पर बाढ़ के पानी से दूर किसी ऊंचे स्थान पर चढ़ जाएं। घुटने से ऊपर बहते पानी में आने पर तुरन्त रूक जाएं तथा दूसरे रास्ते की तरफ बढ़ें। अधिकतर दुर्घटनाएं बाढ़ के पानी में तैरने एवं खेलने से होती है, उनसे बचें। गाड़ी चलाते हुए बाढ वाले क्षेत्र की तरफ न जाएं एवं बहते पानी को पार करने की कोशिश न करें। तेज बारिश के दौरान पुल, बांध व नदियों से दूर रहें।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद भी विभिन्न सावधानियां रखनी आवश्यक होती है। बाढ़ के दूषित पानी से कई बीमारियां फैल जाती हैं। प्राथमिक चिकित्सा के लिए तुरन्त नजदीक के अस्पताल में जाएं। राहत कार्यों में सहयोग के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्र से दूर चलें जाएं। अपने क्षेत्र की खबरों को रेडियो, टेलीविजन और लाउडस्पीकर के माध्यम से निरंतर सुनते रहें। लौटने का निर्देश मिलने पर ही अपने घर में पुनः प्रवेश करें। बाढ़ के तुरंत बाद विद्युत उपकरण तथा स्विच चालू करने से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इमारत के अंदर बीडी अथवा सिगरेट नहीं पीएं। खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें व पानी को विसंक्रमित करके ही पीएं। अपने आस-पास के बच्चों, बुजुर्गों तथा अन्य असहाय लोगों को सहायता उपलब्ध कराने में मदद करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। राहत कार्यों में प्रशासन व सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद करें।
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