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साइबर अपराध : एस.पी देवेंद्र बिश्नोई ने किया विद्यार्थियों को जागरुक

साइबर अपराध : एस.पी देवेंद्र बिश्नोई ने किया विद्यार्थियों को जागरुक

मयूर स्कूल के विद्यार्थियों ने जाना साइबर अपराध से बचने उपाय

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। मयूर स्कूल में शुक्रवार को साइबर अपराध से जुड़े विषय पर लगभग डेढ़ घंटे का जागरुक अभियान के रूप में एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य वक्ता एसपी देवेंद्र कुमार बिश्नोई थे। कार्यक्रम में स्कूल के ग्यारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थी व शिक्षक मौजूद रहे।

एसपी बिश्नोई ने साइबर अपराध से जुड़े विषयों पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को दो पहिया वाहन चलाते समय हैलमेट लगाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि इंसान को प्राप्त यह शरीर ईष्वर दी हुई नायाब रचना है। इसे व्यर्थ न गवाएं। भारत में होने वाले रोड एक्सीडेंट में सबसे अधिक मृत्यु दोपहिया चालकों की हैलमेट न पहनने के कारण होती है। जिसके कारण सुरक्षा प्रबंधन में लाखों रुपये का व्यय होने से समाज और राष्ट्र को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है कि वे अपने दायित्व का निर्वहन ढंग से करें। बिना लाईसेंस व हैलमेट के अपने बच्चों को दो पहिया वाहन न दें। क्योंकि एक्सीडेंट से होने वाली मृत्यु की भरपाई कभी नहीं हो सकती। अभिभावक अपने दायित्व से बचने के लिए या संतान की जिद्दी के कारण कई बार मोबाइल पकड़ा देते हैं। कभी-कभी अभिभावकों को अपनी संतान के कुतर्कों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में अभिभावक अति आवश्यक होने पर ही मोबाइल या टीवी इस्तेमाल करने की अनुमति दें तथा उन पर विषेश निगरानी रखें। देश का भविश्य और आज की युवा पीढ़ी मोबाइल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप से ग्रसित है। जिसके कारण लाखों करोड़ों युवा साइबर अपराध के जाल में फंसा हुआ है। जो एक नशे की तरह आज की युवा पीढ़ी को खोखला करता जा रहा है।

बिश्नोई ने यह भी बताया कि युवाओं को अपनी व्यक्तिगत सूचनाओं को दूसरे से शेयर न करना, लालच में आकर किसी कार्य में सम्मिलित न होना, सोशल मिडिया पर स्क्रीन टाइम लिमिट करना, सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करना, घर के सदस्यों के साथ अधिक से अधिक संवाद करना, अपराध की सूचना मिलते ही घर के सदस्यों व पुलिस स्टेशन पर सूचित करना, सोशल मिडिया से दूर रहकर स्कूल के खेलों में अधिक से अधिक भाग लेना, शारीरिक व्यायाम करना, किसी कार्य को ज़रूरत से अधिक न करना आदि सुझाव दिए।

कार्यक्रम के दौरान बिश्नोई ने कई विद्यार्थयों से प्रश्न भी पूछे। जिनका उत्तर विद्यार्थियों ने दिया।

दैनिक दिनचर्या में सैल्फ मैनजमेंट करने की हिदायत दी न कि टाइम मैनेजमेंट। चूंकि समय को रोकना किसी के वश में नहीं है, अतः टाइम की जगह सैल्फ मैनजमेंट करना सीखें। सोशल मिडिया को प्रयोग केवल आवश्यक कार्य हेतु करें। सोशल मिडिया से होने वाले फयदे भी बताए कि किस प्रकार पुलिस विभाग में सोशल मिडिया के कारण बड़ी से बड़ी समस्य हल हो जाती है। इस दौरान बिश्नोई ने अपने जीवन की रोचक घटनाएं भी सुनाई। जिसे सुनकर विद्यार्थी बड़े प्रभावित हुए।

स्कूल के प्राचार्य संजय खाती ने मुख्य वक्ता बिश्नोई को स्मृति चिह्न प्रदान कर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य संजय खाती,  उपाचार्या सिंधु चतुर्वेदी तथा शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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