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अजमेर में होने वाली है पेयजल क्रांत : 2 साल का पानी जमा करेगा मुहामी का मोर सागर

अजमेर में होने वाली है पेयजल क्रांत : 2 साल का पानी जमा करेगा मुहामी का मोर सागर

अजमेर शहर में 270 करोड़ से बनेंगे पानी के स्टोरेज टैंक

80 बीघा में बनेगा आयुर्वेद विश्वविद्यालय, माकड़वाली में भूमि चिंहित

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अजमेर जिले में आने वाले कुछ सयम में पेजयल क्रांति का साक्षी बनने जा रहा है। राज्य सरकार की सबसे महत्पूर्ण ईआरसीपी योजना से अजमेर को भी जोड़ा जा रहा है। इसके चम्बल नदी का पानी बीसलपुर होते हुए मुहामी के मोर तालाब तक लाया जाएगा। यहां 2 साल तक का पानी स्टोर रहेगा। इसी तरह 270 करोड़ रूपए की पेयजल योजना से अजमेर में कोटड़ा, वैशाली नगर और लोहागल में 80 एमएलडी क्षमता के 3 स्टोरेज टैंक बनेेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने रविवार को बजट घोषणाओं से सम्बन्धित स्थानों का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित भी उनके साथ रहीं। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने आज सर्वप्रथम मुहामी गांव में स्थित मोर सागर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि ईआरसीपी योजना के तहत चम्बल नदी का पानी बीसलपुर तक लाया जाएगा। वहां से यह पानी मुहामीं गांव में स्थित मोर सागर तालाब तक लाया जाएगा।

देवनानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मोर सागर तालाब में 2 साल का पानी जमा करने की क्षमता विकसित की जाए। इसके लिए अगर भूमि का अधिग्रहण किया जाना हो तो उसके प्रस्ताव भी तैयार किए जाएं। अधिकारी प्रो. एक्टिव होकर प्रस्ताव तैयार करें। इन प्रस्तावों को जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत एवं उच्च अधिकारियों के जरिए सरकार तक पहुंचाया जाए ताकि अजमेर में भी जल्द काम शुरू हो सके।

अधिकारियों ने बताया कि पूवी राजस्थान नहर परियोजना में राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल व सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह योजना राजस्थान सरकार व मध्यप्रदेश सरकार के अन्तर्गत अन्तर्राज्यीय संधि होने से चम्बल नदी बेसिन, कालीसिन्ध नदी सबबेसिन व पार्वती नदी सबबेसिन के अधिशेष जल को तीन बैराज हनोटिया बैराज, रामगढ बैराज एवं महालपुर बैराज बनाकर पानी को डाईवर्ट किया जाएगां। जिससे इस अतिरिक्त पानी से नवनेरा बैराज कोटा होते हुए बिसलपुर डैम व ईसरदा डैम का भरते हुए टोंक जिले के लाम्बाहरिसिंह होते हुए अजमेर के मोर सागर मुहामी तक लाया जाएगा। इससे बांध की क्षमता बढाकर अजमेर की पेयजल आवश्यकता की भविष्य में पूर्ति किया जाना संभव होगा एवं उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार अजमेर के अन्य जलाश्यों में जल उपलब्ध करवाना संभव होगा।

वर्तमान में इस तालाब के जीर्णाेद्वार व मरम्मत का कार्य राशि रूपए 67.82 लाख का करवाया जा रहा है। जिससे बांध का सुदृढ़ीकरण वेस्टवीयर की मरम्मत व फेसवाल का कार्य करवाया जा रहा है। इससे तालाब की मजबूती व स्थिरता बढ़ाई जा सकेगी।

270 करोड़ की पेयजल परियोजना, अजमेर में बनेंगे तीन बड़े टैंक

देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार ने 270 करोड़ रूपए की वृहद पेयजल परियोजना स्वीकृत की है । इस योजना के तहत अजमेर में नसीराबाद से नौसर तक पाईप लाईन डाली जाएगी। यानि अब नौसर तक का क्षेत्र अन्तिम छोर नहीं बल्कि आरम्भ क्षेत्र होगा। यहां बनने वाले सर्विस रिजर्वायर से शहर में जलापूर्ति होगी। पूरे शहर में पूरे पे्रशर से एवं प्रर्याप्त जलापूत्ति होगी। इसी तरह वैशाली नगर एवं लोहागल में भी बड़ी पानी की टंकियां बनेगी। इन  इलाकों में  भी पूरे प्रेशर से पानी आएगा। देवनानी ने कोटड़ा सर्विस रिजर्वायर का स्थान देखा एवं आवश्यक निर्देश दिए।

माकड़वाली में आयुर्वेद विश्वविद्यालय का स्थान चिंहित

देवनानी ने जिला कलक्टर के साथ माकड़वाली ग्राम पंचायत क्षेत्र में आयुर्वेद विश्वविद्यालय का चिंहित स्थान भी देखा। यहां 80 बीघा जमीन विश्वविद्यालय के लिए चिंहित की गई है। यहां आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विश्वविद्यालय बनेगा। शीघ्र इसका नोटिफिकेशन जारी होगा। इस अवसर पर एडीए के आयुक्त नित्य के. उपखण्ड अधिकारी शिवाक्षी खांडल एवं अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त भरतराज गुर्जर सहित अधिकारी उपस्थित रहे।

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