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बास्केटबॉल जगत के भीष्म पितामह गुरु जी को शिष्यों ने किया नमन

बास्केटबॉल जगत के भीष्म पितामह 'गुरु जी' को शिष्यों ने किया नमन

बलिहारी ''गुरु ''आपने -जीवन दियो सुधार ----

बास्केटबॉल जगत के भीष्म पितामह 'गुरु जी' को शिष्यों ने किया नमन

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
बास्केटबॉल जगत के भीष्म पितामह कहे जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक एवं तत्कालीन राजकीय महाविद्यालय के शारीरिक निदेशक स्वर्गीय भगवान सिंह को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर उनके शिष्यों ने नमन करते हुए फिर से दोहराया है कि ''बलिहारी गुरु आपने- जीवन दियो सुधार''

इसी संस्कृति को चरितार्थ करते हुए देश विदेश में इस पावन धरा की खुशबू को फैला रहे गुरु भगवान सिंह के शिष्यों ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कुंदन नगर स्थित राजपूत हॉस्टल में एक अति आधुनिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल मैदान के निर्माण का संकल्प दोहराया है। निर्माणाधीन इस मैदान की लागत लगभग 40 लख रुपए से अधिक होगी। यह संपूर्ण राशि गुरुजी के शिष्य रहे खिलाड़ियों ने एकत्र की है। इस मैदान का निर्माण काफी तेजी से चल रहा है। 

लगभग दो दशकों में जीसीए के बास्केटबॉल मैदान से ऐसे दर्जनों खिलाड़ी तैयार हुए जिन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने गुरु भगवान सिंह का नाम रोशन किया इनमें अर्जुन पुरस्कार विजेता एवं ओलंपिक खिलाड़ी भी शामिल रहे जिन्हें ऐसे गुरु का गुरुकुल नसीब हुआ। छोटे-छोटे गांव और ढाणियों  से निकले युवाओं को गुरु जी ने उनकी प्रतिभाओं को निखरा।

राजस्थान को पांच बार राष्ट्रीय चैंपियन बनना, राजस्थान विश्वविद्यालय को अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयका खिताब दिलवाना एवं 10 वर्षों तक विभिन्न एशियन गेम्स एशियाई बास्केटबॉल प्रतियोगिता एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में एक कुशल प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले गुरु भगवान सिंह जी का 1985 में अचानक हार्ट अटैक से निधन होना भारतीय बास्केटबॉल के लिए एक दुखद एवं शून्यता से भरी खबर थी।

उनके शिष्यों में तीन ओलंपिक खिलाड़ी रहे हनुमान सिंह अर्जुन पुरस्कार विजेता, परमजीत सिंह एवं जोरावर सिंह थे जिन्होंने मास्को ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया इसके अतिरिक्त दर्जनों खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में चयन होकर अजमेर और राजस्थान का गौरव बढ़ाया। इनमें विष्णुकांत शर्मा, वीपी नरूला,प्रताप सिंह रमन गुप्ता, सीआरपी के अधिकारी महेंद्र विक्रम सिंह,रघुराज सिंह निमाज, पूर्व डीजीपी राजस्थान पुलिस देवेंद्र सिंह,आनंद सिंह,सुरेंद्र सिंह, विक्रमसिंह शेखावत, हरी दास, कस्टम अधिकारी निरंजन गोदारा, बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, अजीत सिंह राठौड़ न्यायाधीश पवन कुमार ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने देश के विभिन्न सुरक्षा बलों , रेलवे, कस्टम एवं अन्य क्षेत्र में खेल के माध्यम से अपने जीवन को बड़ा मुकाम दिया है। 

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर इन शिष्यों की यही सच्ची श्रद्धांजलि है जिसके माध्यम से बास्केटबॉल का एक मैदान बनवाकर गुरु दक्षिणा की परंपरा का निर्वहन किया है। इसमें राजपूत हॉस्टल के पदाधिकारी एवं पूर्व पुलिस उपाधीक्षक विक्रम सिंह एवं सुमर सिंह शेखावत सहित आज की युवा पीढ़ी का योगदान सराहनीय है जिसके माध्यम से गुरु शिष्य की यह परंपरा कालांतर जिंदा रहेगी।

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