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अजयमेरु प्रेस क्लब ने दी रफ़ी को गीतों भरी श्रद्धांजलि

अजयमेरु प्रेस क्लब ने दी रफ़ी को गीतों भरी श्रद्धांजलि

रिमझिम के गीत सावन गाये, हाये------
रफ़ी के गीतों ने घोली कानों में मिश्री

अजयमेरु प्रेस क्लब ने दी रफ़ी को गीतों भरी श्रद्धांजलि

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजयमेरु प्रेस क्लब ने भारतीय फिल्म जगत के महान गायक मोहम्मद रफ़ी उन्हीं के गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई। बीस से ज्यादा गायक कलाकारों ने रफ़ी साहब के गीतों को अपनी आवाज़ देकर सुनने वालों के कानों में जहां मिश्री  घोली ।  मौका था मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि  पर अजयमेरु प्रेस क्लब के सालाना कार्यक्रम "स्वरांजलि " का । हालांकि रफ़ी साहब की पुण्यतिथि 31 जुलाई को है । पर उस दिन वर्किंग डे होने की वजह से  रविवार को ही कार्यक्रम का आयोजन कर लिया गया । ताकि श्रोता गीतों का आनंद ले सकें।

क्लब से जुड़े अनेक पुराने गायकों ने तो गीतों की बारिश में सुरों की फुहारें छोड़ीं, मगर नवोदित कलाकर भी हौसलों के साथ मंच पर उतरे और समा बांध दिया।

शुरुआत हुई रामगोपाल सोनी द्वारा गाये गीत "आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार" गीत से। क्लब के महासचिव सत्यनारायण जाला ने "ये रेश्मी ज़ुल्फ़ें ये शरबती आँखें", अनिल गुप्ता ने "नसीब में जिसके जो लिखा था", सैयद सलीम ने "जनम जनम का साथ है निभाने को", अरविंद शुक्ला ने "एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तो", शरद शर्मा ने "तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं", कृष्णगोपाल पराशर ने "जब भी ये दिल उदास होता है", और गणेश चौधरी ने "ये जो चिलमन है" जैसे यादगार गीतों की प्रस्तुति से रफी साहब को पुष्पांजलि दी । वहीं राजेंद्र गुंजल व आभा शुक्ला ने  एक युगल गीत "रिमझिम के गीत सावन गाये , हाये " सुना कर कार्यक्रम का रुख बदला।

दूसरा दौर शुरू किया प्रदीप गुप्ता ने। उन्होंने रेशमी आवाज़ में "आज मौसम बड़ा बेईमान है" सुनाकर सावन की घटाएं याद दिला दीं, और फिर यहां से कार्यक्रम का भी मौसम बदल गया। फरहाद सागर ने रफ़ी के कालजयी गीत "सुहानी रात ढल चुकी" की प्रस्तुति दी, तो डॉ रमेश अग्रवाल ने "हम तुमसे जुदा होके", तथा मुकेश परिहार ने "रुख से ज़रा नकाब उठाओ मेरे हुज़ूर" गीत से मिठास भर दी। उसके बाद मस्ती भरे गीत "जिया हो जिया हो जिया कुछ बोल दो" की प्रस्तुति देकर अमित टंडन ने सभागार का माहौल मस्तियों से भर दिया और श्रोता झूम उठे, प्रताप सिंह सनकत ने उतार-चढ़ावों से भरे गीत "कल रात ज़िन्दगी से मुलाकात हो गई" गाकर सुरों की अपनी परख का परिचय दिया। हेमन्त कुमार शर्मा ने जहां मंझे हुए अंदाज़ में "ये माना मेरी जाँ मोहब्बत सज़ा है" गाकर अपनी परिपक्वता दिखाई । वहीं रक्षा शर्मा ने "एहसान तेरा होगा मुझ पर" प्रस्तुत किया।  राकेश परिहार ने "महुआ" गीत प्रस्तुत किया, तो गुरजेन्द्र सिंह विर्दी ने सुकून भरे गीतों की एक माला पिरो कर मेडली की प्रस्तुति दी।  एबीएल माथुर ने "किसी की याद में दुनिया को" और सुरेश कुमार श्रीचंदानी ने "शिरडी वाले साईं बाबा" गीतों के माध्यम से रफी को याद किया। कार्यक्रम  के सरप्राइज़ के रूप में मशहूर सर्जन डॉक्टर ब़िजेश माथुर की प्रस्तुति "आपके हसीन रुख पर आज नया नूर है" रही।

इससे पहले क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल ने सभी का स्वागत करते हुए क्लब की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। अंत में शहर के मशहूर शास्त्रीय संगीतकार और गायक आनंद वैद्य ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन प्रताप सिंह सनकत और अमित टंडन ने किया। इस मौके पर क्लब सदस्य व उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे । खास तौर पर रिटायर्ड आईएएस स्नेहलता पंवार व आरएसएस के पूर्व वरिष्ठ महानगर संघचालक सुनीलदत्त जैन भी कार्यक्रम में पूरे समय जमे रहे ‌।

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