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सुर संगम का म्यूजिकल शो : कलाकारों ने गीत-संगीत का बांधा समा

सुर संगम का म्यूजिकल शो : कलाकारों ने गीत-संगीत का बांधा समा

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
सुर संगम संगीत समूह के तत्वाधान में हर माह के तीसरे रविवार को गीत संगीत कार्यक्रम आयोजित होता है। रविवार को दयाल प्रियानी के सानिध्य में आयोजित किया गया ।

प्रकाश जेठरा ने बताया कि कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुतियों गीतों ने समा बांध लिया और झूमने लगे । इस अवसर पर जीतू लालवानी ने "दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा" पूनम गीतांजलि ने "कभी शाम ढले तो आना" राजेन्द्र सोनी ने "राम करे ऐसा हो जय" दयाल प्रियानी ने "होश वालो को खबर क्या" प्रकाश झमटानी ने "मेरे नैना सावन भादो" धर्मेंद्र केवलानी ने "रात कली एक ख्वाब मे आई",  अरविंद शुक्ला ने"ये जुल्फ अगर खुलकर बिखर जाए" वी एस चौहान "माना हो तुम बेहद हंसी", शंकरलाल धनवानी ने "दिल की ये आरजू थी कोई", महेश सोनी ने "अकेले है चले आओ" लक्ष्मण हरजानी ने "सामने ये कौन आया"किशन लालवानी ने "किसी  शायर की गज़ल ड्रीम गर्ल", विजय सोनी ने "मेरे यार शब्बा खैर" चंदा भोजवानी ने "एक तेरा साथ हमको" यज्ञदत्त शर्मा ने ओ जाना ना जाना ये दिल"मीना खियालानी ने "ओ बाबुल प्यारे" महादेव कर्मवानी ने "दिल जो न कह सका" दिलिप बच्चानी ने "आगे भी जानें न तू" राज शामनानी ने "रुक जा ओ दिल दीवाने" के के मेहरा ने "जिस दिल में बसा था प्यार तेरा कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया ।

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