अजमेर (अजमेर मुस्कान)। राजस्थान ललित कला अकादमी और कला, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग राजस्थान द्वारा सिविल लाइंस स्थित डिजाइन इकोल कॉलेज में चल रहे ग्रीष्मकालीन शिविर में शुक्रवार को योग, संगीत व संस्कृति की झलक देखने को मिली।
https://youtu.be/mpW3KpT4GGk?si=0L3TeZCz8YVJLGlv
विद्यार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास किया वही संगीत दिवस पर कर्णप्रिय संगीत सुना और राजस्थानी मांडणा की नई बारीकियों का प्रशिक्षण प्राप्त कर प्राचीन भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शिविर के प्रारंभ में विद्यार्थियों ने इटली से आई योग प्रशिक्षक रचना शर्मा के निर्देशन में योगाभ्यास किया। सर्वप्रथम विद्यार्थीयों को योग का जीवन में महत्व बताते हुए सूर्य नमस्कार करवाया। उसके बाद संतुलन के आसन, वृक्षासन, वीरभद्रासन और प्राण साधना के साथ ओंकार का उच्चारण करवाया गया जिसमे सभी शिविरार्थियों ने उत्साह से भाग लिया।
विश्व संगीत दिवस के अवसर पर राजस्थान की लोक गायिका शानूप्रिया मिश्रा ने शिविर का अवलोकन करते हुए बच्चो के कार्य को देख प्रशंसा की और संवाद करते हुए अपनी सफलता और जीवन यात्रा को सांझा किया। मिश्रा ने कहा कि लोक कला एवं लोक संगीत हमारे समाज का अभिन्न अंग है। उन्होंने सुमधुर लोकगीतों की प्रस्तुति देते हुए केसरिया बालम, केसर की क्यारी गुल बनडा, हाथा में रच रही मेहंदी आदि गीत सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शिविर के दौरान लोक कलाकार संजय सेठी ने विद्यार्थियों को पुराने प्लास्टिक बॉक्स, खाद्य पदार्थ के डिब्बों को कचरे में फेंकने के बजाय पौधे लगाने के लिए प्लांटर तैयार करने का प्रशिक्षण दिया। डिब्बों पर पहले पारंपरिक लिपाई कर प्राकृतिक रंगों से राजस्थानी मांडने के अंतर्गत केरी, बेल बूटे, चौकड़ी के साथ गमला और फूल पत्ती का चित्रांकन कर आकर्षक प्लांटर तैयार करवाए गए।
प्रशिक्षक मीनाक्षी मंगल व प्रियंका सेठी, सुमन वैष्णव ने अतिथियों का स्वागत किया, शिविर संयोजक दीपक शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया।
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