अजमेर (अजमेर मुस्कान)। प्रभारी सचिव अपर्णा अरोड़ा ने अजमेर प्रवास के दौरान विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण किया। उनके साथ जिला कलेक्टर डाॅ. भारती दीक्षित भी थी। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित विभिन्न शाखाओं तथा कार्यालयों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए। सामान्य शाखा, विकास शाखा, न्याय शाखा, संस्थापन शाखा, आरटीआई शाखा, राजस्व शाखा, भू-रिकाॅर्ड शाखा, कोषालय, जिला अभिलेखालय, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तथा अतिरिक्त जिला कलेक्टर कार्यालय का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि ई-फाईलिंग के फाईल निस्तारण समय को कम किया जाए। फाईल के विभिन्न स्तरों पर फाईल निस्तारण समय की अलग-अलग समीक्षा करें। भू-संपरिवर्तन की पेंडेन्सी नहीं रखें। भूमि आवंटन के प्रकरणों को शीघ्रता से निस्तारित करें। पूराने रिकाॅर्ड व्यवस्थित पाए गए। कोषालय में बिलों की आपत्तियां समय पर पूरी करवाने के निर्देश दिए। बिलों की पेण्डेन्सी नहीं रखें।
अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के. ने प्राधिकरण के कार्यों की जानकारी दी। सिवरेज ट्रीटमेंण्ट प्लांट के पैरामीटर्स नियमित जांचने के निर्देश दिए। आनासागर के आॅक्सीजन लेवल पर बराबर नजर बनाए रखें। जलकुंभी के कारण जलीय जन्तुओं को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। दस्तावेजों के स्केनिंग कार्य का भी अवलोकन किया गया। इस कार्य की सराहना की गई। रिकाॅर्ड रूम तथा नियोजन शाखा का कार्य भी देखा। प्राप्त शिकायतों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। नियमन के कार्य को आचार संहिता के पश्चात तेज गति से किया जाए।
नगर निगम के निरीक्षण के दौरान आयुक्त देशल दान साथ रहे। ई-फाईलिंग सिस्टम में इनबाॅक्स की पेंडेन्सी देखी। विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण किया। नगर निगम के अधिकारी सफाई का प्रतिदिन सुबह मौका निरीक्षण करेंगे। नालों की सफाई का कार्य मानसून से पहले पूर्ण करें। नालों की सफाई का मलबा सूखते ही हटाना सुनिश्चित किया जाए। शिकायतों के निस्तारण के लिए समेकित हेल्पलाईन स्थापित की जाए।
अरोड़ा ने वन विभाग की सोमलपुर नर्सरी का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मुख्य वन संरक्षक शारदा प्रताप सिंह, प्रशिक्षु आईएफएस वैंकटेश एवं उप वन संरक्षक सुगना राम जाट ने मानसून से पूर्व की गई तैयारियों से अवगत कराया। नर्सरी में तैयार पौधों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए क्यू आर कोड जैसी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश प्रदान किए। यहां मदर बेड में पौध तैयार करने की प्रक्रिया भी देखी। नर्सरी में कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण करवाया जाए।
नर्सरी परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
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