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मां, मातृभाषा व मातृ भूमि सदैव सर्वोपरि है - तीर्थाणी

मां, मातृभाषा व मातृ भूमि सदैव सर्वोपरि है - तीर्थाणी

राजस्थान सिन्धी अकादमी जयपुर द्वारा निःषुल्क अरबी सिन्धी कक्षाए का शुभारंभ

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। मां, मातृभाषा व मातृ भूमि सदैव सर्वोपति व पूजनीय है हमें उन्ही की आर्शीवाद से जीवन में सफल होना है और उसी पर गर्व भी होना चाहिये ऐसे विचार राजस्थान सिन्धी अकादमी जयपुर के सहयोग से सुधार सभा के हरीसुन्दर बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश में निःशुल्क अरबी सिन्धी भाषा शिविर शुभारम्भ पर अकादमी के संभाग प्रभारी रहे व भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहे।

सुधार सभा की उपाध्यक्ष व साहित्यकार डॉ. कमला गोकलाणी ने कहा कि अरबी सिन्धी के ज्ञान से हमें जो उच्चारित सिन्धी शब्दों के ज्ञान से सभी भाषाओं की जानकारी व ज्ञान मिलती है और वर्णमाला में भी 52शब्दों से पूर्ण उच्चतम अक्षर है।

इस अवसर पर मषहूर कलाकार व शिक्षाविद् घनश्याम ठारवाणी भगत, भागू ईसराणी, साहित्यकार गोविन्द मनवाणी, खेमचन्द नारवाणी, सिन्धु सभा अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी व नरेन्द्र सोनी ने भी अपने विचार प्रकट किये।

कार्यक्रम का शुभारंभ आराध्यदेव झूलेलाल, सरस्वती माता, सिन्ध के मानचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। स्वागत भाषण प्रधानाचार्या महेश्वरी गोस्वामी व आभार  सुधार सभा अध्यक्ष दयाल शेवानी ने प्रकट किया। मंच का संचालन कोशल्या सावनाणी ने किया। एक माह तक चलने वाले शिविर में 20 विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया है जिन्हें पूर्ण होने पर अकादमी द्वारा प्रमाण पत्र दिया जायेगा। दो अध्यापिकाएं कोशल्या सावनाणी , सुश्री गोपी चांदवानी द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा।

समारोह में मुस्कान ठाराणी, किशोर मंघलाणी, पदमा मोहनाणी, विकास, जयकिशन गुरबाणी, किशन केवलाणी, उतम गुरबक्षाणी, पुरूषोतम देवनाणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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