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आनासागर संरक्षण संघर्ष समिति गठित, जलकुंभी समस्या के तुरंत समाधान की पुरजोर मांग

आनासागर संरक्षण संघर्ष समिति गठित, जलकुंभी समस्या के तुरंत समाधान की पुरजोर मांग

जागरुक नागरिकों व संस्थाओं की बैठक

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।  आनासागर में पिछले तीन माह से फैल रही जलकुंभी की समस्या को लेकर शहर के जागरूक नागरिकों तथा संस्थाओं की  संयुक्त बैठक रविवार को आयोजित की गई। अजयमेरु प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित इस बैठक में  पर्यावरण  तथा नागरिक अधिकारों से जुड़ी संस्थाओं, पर्यावरण विशेषज्ञों तथा बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। ढाई घंटे से अधिक चली इस बैठक में जलकुंभी को लेकर प्रशासनिक लापरवाही, असंवेदनशीलता, अनदेखी तथा जलकुंभी के निवारण के लिए त्वरित तथा  विस्तृत उपायों पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में आनासागर झील को अजमेर की शान बताते हुए इसकी नागरिक देखभाल हेतु आनासागर  संरक्षण संघर्ष  समिति बनाने का निर्णय लिया गया तथा व्यापक जन अभियान  चलाने का निश्चय किया गया।

बैठक में जलदाय विभाग के पूर्व अधीक्षण अभियंता तथा कला अंकुर के संरक्षक अनिल जैन ने विस्तृत तकनीकी जानकारी देते हुआ कहा कि गंदे पानी का सतत प्रवाह जलकुंभी का भोजन बन रहा है। इसको  रोक बिना जलकुंभी का अंत संभव नहीं है। 

वरिष्ठ अधिवक्ता तथा पूर्व जिला प्रमुख सत्यकिशोर सक्सेना ने कहा कि प्रशासन इस समस्या के प्रति संवेदनशील नहीं है।  जन प्रतिनिधियों का प्रशासन पर दबाव नहीं है और जनता भी इस विषय में दबाव बनाने में सफल नहीं हुई है। उन्होंने संयुक्त अभियान चलाकर इस गंभीर समस्या के  समाधान के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार के हस्तक्षेप की वकालत की।

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पर्यावरणविद प्रमोद कांबले ने बताया कि जल में प्रदूषण का स्तर  कम करना अति आवश्यक है। उन्होंने झील के व्यावसायिक दोहन के स्थान पर प्राकृतिक संपत्ति के रूप में सहेजने का आग्रह किया।

कॉमन कॉज सोसायटी  के अध्यक्ष सुनील जालोरी ने बताया कि उनकी संस्था बीस वर्ष से आनासागर को लेकर कार्यरत है तथा  सुप्रीम कोर्ट द्वारा  झील संरक्षण के आदेश पारित करवाए हैं। यह दुखद है कि आदेशों की पालना न कर के अवहेलना की जा रही है। उन्होंने बढ़ते शहरीकरण  और झील के रिश्ते को समझाते हुए कैचमेंट एरिया को सुरक्षित रखना जरूरी बताया।

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के डी.एल. त्रिपाठी ने  आनासागर झील के लिए नागरिक प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि अजमेर की जनता इस दिशा में  सहयोग देगी बशर्ते प्रशासन गंभीर हो। 

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के जोनल अध्यक्ष अरूण गुप्ता ने समस्या के  हल  के लिए तात्कालिक तथा स्थाई समाधान दोनो दिशाओं में कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने जन आंदोलन चलाने का आग्रह किया और कहा कि रेलवे कर्मचारी इसमें सहयोग करेंगे।

ग्रीन आर्मी के एडवोकेट कुलदीप गहलोत तथा सिद्ध भटनागर ने कहा कि प्रशासन इसे सामान्य समस्या मान रहा है जबकि  इसके लिए गंभीर प्रयास की जरूरत है।

माय क्लीन स्कूल के अध्यक्ष जे. पी.भाटी ने कहा कि शहर की पर्यावरण प्रेमी संस्थाएं अनेक ज्ञापन  दे चुकी हैं किंतु  स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ,केंद्रीय पर्यावरण मंत्री तथा मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिए गए हैं किंतु उच्च स्तर पर कोई पहल नहीं हुई है।

अजयमेरु प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह सनकत ने कहा कि समस्या को बढ़ाने में स्वार्थी तत्वों की संलिप्तता नजर आती है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से दूषित जल के साथ साथ अनेक नालों का प्रदूषित कचरा जलकुंभी के विस्तार का कारण है। इसका स्थायी  निदान किए बिना  जलकुंभी को रोका नही जा सकता। जलकुंभी हटाना भी कमाई का साधन बन गया है। 

राजस्थान यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व  राज्य महासचिव डॉ. सुरेश अग्रवाल ने  सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने को गंभीर अपराध बताया तथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की।

इंटेक के महेंद्रसिंह चौहान ने  व्यापक अभियान चलाने का सुझाव दिया। नाट्य वृंद  के उमेश चौरसिया ने झील संरक्षण के  महत्व  को बतलाते हुए देश के विशेषज्ञों से परामर्श की बात कही।

पर्यावरणविद पराग मांदले ने जलकुंभी हटाने वाली पोकलेन मशीन को किराए पर भेजे जाने को दुर्भाग्यजनक बताया और  कहा कि मशीन चलती रहती तो यह समस्या विकराल रूप नहीं लेती।

एडवोकेट मनन माथुर ने पाथवे निर्माण को नुकसानदायक बताया और जनहित याचिका का सुझाव दिया। बैठक में इंटेक के जिनेश सोगानी, एस. पी. कटारिया,अनिल माथुर, सुभाष चांदना ,कॉमन कॉज सोसायटी के विनीत लोहिया  ने भी विचार व्यक्त किए।

अजयमेरु प्रेस क्लब के  अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल ने कहा कि जन सरोकारों के प्रति समर्पित क्लब  आनासागर झील के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए व्यापक जन समर्थन जुटाने के लिए सतत रूप से  कार्य करेगा। 

बैठक के संयोजक डॉ.अनंत भटनागर ने बताया कि बैठक में सभी  संस्थाओं ने  व्यापक अभियान चलाने के लिए आनासागर संरक्षण संघर्ष समिति बनाने का निर्णय लिया है तथा अगले सप्ताह ज्ञापन तथा धरना दिया जाएगा।

बैठक के अंत में अजयमेरु प्रेस क्लब के महासचिव सत्यनारायण जाला ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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