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राजेन्द्र प्रसाद भडाना मैन ऑफ द मंथ अवार्ड से सम्मानित

राजेन्द्र प्रसाद भडाना मैन ऑफ द मंथ अवार्ड से सम्मानित

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजमेर मंडल के मुख्य लोको निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद भडाना को मंडल के उत्कृष्ट कर्मचारी "मैन ऑफ द मंथ" अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

मंडल रेल प्रबंधक अजमेर राजीव धनखड़ ने मंडल कार्यालय में राजेंद्र भड़ाना को यह पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर श्री मनमोहन मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक श्री राजीव धनखड़ ने कहा कि श्री राजेंद्र प्रसाद भड़ाना ने अपनी सूझबूझ और सतर्कता का परिचय देते हुए एक संभावित दुर्घटना को बचाया एवं ट्रेन संचालन में होने वाली समय क्षति को भी बचा कर ट्रेनों के समयपालन में योगदान दिया।इसीलिए श्री राजेन्द्र प्रसाद भडाना मुख्य लोको निरीक्षक मुख्यालय अजमेर को  "मैन ऑफ द मंथ" अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान से अन्य रेल रेल कर्मचारियों को भी प्रेरणा व प्रोत्साहन मिलेगा। 

मूल रूप से जिस उत्कृष्ट कार्य के लिए राजेंद्र प्रसाद भड़ाना को यह पुरस्कार दिया गया है उसके अनुसार

17 फरवरी को गाड़ी संख्या 14702 अरावली एक्सप्रेस में आबूरोड से अजमेर के मध्य राजेन्द्र प्रसाद भडाना मुख्य लोको निरीक्षक अजमेर  पायदान निरीक्षण पर थे। इस दौरान अजमेर मंडल के सराधना स्टेशन से रनिंग थू पास होते समय डाउन स्टार्टर सिग्नल के नजदीक किमी संख्या 309/6 पर अचानक लाईन पर 02 गायें आ गयीं। यह देखते ही लोको पायलेट द्वारा तुरन्त इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए, परन्तु गाड़ी खड़े होते-होते गाय रन ऑवर हो गयी। 13:39 बजे गाड़ी खड़ी होने पर पायदान कर रहे लोको निरीक्षक द्वारा लोको की गहनता से जांच करने पर पाया कि लोको का बीपी एयर होज पाइप टूट गया तथा लोको के व्हील फ्लैट हो गये हैं। जो कि लगभग 30 से 40 एमएम तक के थे, यह देखकर मुख्य लोको निरीक्षक द्वारा लोको पायलेट को केवल 30 किमी/घं की गति से अजमेर स्टेशन तक सावधानी पूर्वक गाडी का संचालन करने के लिए निर्देश दिए एवं 13:45 बजे साइट से रवाना कराया गया। अजमेर आगमन पर अन्य लोको संख्या की व्यवस्था करने के लिए ऑन ड्यूटी ट्रेक्शन कंट्रोलर को भी सूचित किया। इस प्रकरण में यदि लोको पायलेट द्वारा कैटल रन ऑवर होने के पश्चात सामान्य गति से संचालन किया जाता तो लोको में हुए फ्लैट टायर के कारण रेल फ्रेक्चर जैसी घटना भी हो सकती थी। 

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