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साहित्य धारा : ऋतुराज बसंत पर लेखकों ने पढ़ी रचनाएं

साहित्य धारा : ऋतुराज बसंत पर लेखकों ने पढ़ी रचनाएं

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजयमेरु प्रेस क्लब की मासिक साहित्यिक गोष्ठी साहित्यधारा में रविवार को नगर के 30 साहित्यकारों ने सहभागिता की। इस बार "ऋतुराज बसंत" विषय पर केंद्रित रचनाएं प्रस्तुत की गईं ।

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार लखन लाल माहेश्वरी ने ऋतु बसंत आया है रचना पढ़ी।  प्रभावी संचालन करते हुए डा विनिता अशित जैन ने कई रोचक मुक्तक एवं शेर प्रस्तुत किए उन्होंने अपनी रचना कब जानू आ गया बसंत भी प्रस्तुत की। गोष्ठी में डाॅ. महिमा श्रीवास्तव ने अपनी रचना बसंत सुना नई कहानी , वीरेंद्र सक्सेना ने आया बसंत, बनबारी लाल शर्मा ने बसंत ऋतु आई है, गजलकार डा बृजेश माथुर ने ख्वाब में गर तुम्हें देख लूं ये फ़जा गुनगुनाने लगे, पूनम पांडे ने तरन्नुम में सरल कब होता है गीत सुनाया तो कार्यक्रम संयोजक कवि एवं व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता ने अपनी व्यंग्य रचना दिल दा मामला है सुनाकर रंग जमाया। इसी प्रकार पुष्पा क्षेत्रपाल ने स्वागत है ऋतुराज आपका, काजल खत्री ने प्रेम गीत दिल जानता है बसंत का मौसम, संदीप पांडे शिष्य ने वर्ल्ड कप 2023,  कुलदीप खन्ना ने महिमा नारी की, सुरेंद्र सिंह ने अंग्रेजी कविता फ्लावर्स आर ब्लूमिंग, जय प्रकाश मंजुल ने मुक्तक, मुकेश कुमार आर्य ने रिश्ते रिसते हैं, सुनील मित्तल ने तूने जो भी दिया स्वीकार है, भंवरी देवी छीपा ने देख बसंत का रूप सजीला, डाॅ. बीना सोनी ने आ गया ऋतुराज, प्रतिभा जोशी ने बसंत राज तथा संजय श्रीवास्तव, जय गोपाल प्रजापति आदि ने बसंत ऋतु पर एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की। 

इस अवसर पर विजय कुमार शर्मा, सरला शर्मा , पुनीत भार्गव आदि भी उपस्थित रहे।

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