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मनुष्य जीवन की दशा और दिशा तय करता है विद्यारंभ संस्कार : अनिल तनेजा

मनुष्य जीवन की दशा और दिशा तय करता है विद्यारंभ संस्कार : अनिल तनेजा

36 बच्चों का विद्यारंभ हुआ संपन्न

16 संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विद्यारंभ

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। पुष्कर मार्ग स्थित आदर्श विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर 36 बच्चों का विद्यारंभ संपन्न करवाया गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विद्यालय प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष अनिल तनेजा ने बताया की भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कारों से युक्त मनुष्य जीवन की संकल्पना की गई है इनमें से संपूर्ण मनुष्य जीवन की दशा और दिशा तय करने वाला संस्कार है विद्यारंभ संस्कार । शास्त्रों के अनुसार इस संस्कार को करने की आयु 4 वर्ष 4 माह 4 दिन है लेकिन आधुनिक शिक्षा व्यवस्था से समायोजन की दृष्टि से 3 वर्ष की आयु के नव प्रवेशित विद्यार्थियों का संपूर्ण विधि विधान से विद्यारंभ विद्यालय द्वारा संपन्न करवाया गया है।

विद्यालय की शिशुवाटिका प्रभारी रामज्योत बोराना ने बताया कि इस संस्कार के लिए सभी अभिभावक अपने नन्हे बच्चों को पीले वस्त्र धारण करवाकर यज्ञ और सरस्वती पूजन में सम्मिलित हुए तत्पश्चात पाटीपुजन करके बच्चो के हाथों से पहला अक्षर ॐ लिखवाया गया। नवीन बच्चो की अब औपचारिक कक्षाएं सत्रह फरवरी से नियमित प्रारंभ हो जाएंगी।

जनजाति क्षेत्र के बच्चों के लिए प्रतिवर्ष बसंत पंचमी पर विद्यालय करता है सेवानिधि समर्पण

विद्यालय के प्रधानाचार्य भूपेन्द्र उबाना ने बताया की बसंत पंचमी के अवसर पर प्रतिवर्ष जनजाति क्षेत्र में विद्या भारती की योजना से चलने वाले एकल विद्यालयों के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए विद्यालय के सभी आचार्य दीदी, अभिभावक तथा विद्यार्थी मिलकर सेवानिधी संग्रहित कर भेजते हैं जिससे राजस्थान के 5 जनजाति जिलों में 934 एकल विद्यालय में पढ़ने वाले 28000से अधिक विद्यार्थियों की शिक्षा में सहयोग मिलता है। विद्यार्थियों में सेवा भावना का विकास करने के उद्देश्य यह विशेष महत्व रखा है। उन्होंने समाज बंधुओ से भी इस कार्य में आगे होकर सहयोग करने का आव्हान किया।

विद्यालय में कक्षा 10 में पढ़ने वाले दीपक सुवाल तथा कक्षा 3 के कुणाल वर्मा ने अपना गुल्लक जनजाति क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित किया।

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1 टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
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