अजमेर (अजमेर मुस्कान)। सुर संगम संगीत समूह के तत्वाधान में अजमेर के एक होटल में गानों का सफलतापूर्वक कार्यक्रम एडमिन दयाल प्रियानी के सानिध्य में आयोजित किया गया ।
प्रकाश जेठरा ने बताया कि कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुतियों ने समां बांध लिया। इस अवसर पर महेश लोंगनी ने कौन किसी को बांध सका, दयाल प्रियानी ने आ लौट के आजा मेरे मीत...राजेश यादव ने अकेले हैं चले आओ...वंदना यादव ने अंखियों के झरोखों में...पूनम गीतांजलि ने तुझे देखा तो यह जाना सनम....राजेंद्र सोनी ने अरे नजर लगे ना साथियों....विजय सोनी ने जब महोब्बत जवान होती है.... पूनम गीतांजलि ने चार दिनों दा प्यार...अरविंद शुक्ला ने शोखियों में घोला जाय.... चंदा भोजवानी ने चाहे रहो दूर...अनिरुद्ध रूपावत ने वो बीते दिन याद आए....जीतेश लालवानी ने रोजा ओ जाने जा... आजाद अपूर्वा ने सुरमई अंखियों में....प्रकाश झमटानी ने खिलते हैं गुल यहां....वी एस चौहान ने मै दिल तू धड़कन....शंकर लाल धनवानी ने बेरहम आसमां मेरी मंजिल.... मंजू चैनानी ने ये मुलाकात एक....लक्ष्मण चैनानी ने हो जवानी है दीवानी.... मीना खियालानी ने चलो दिलदार चलो... महेश सोनी ने तेरे मेरे बीच में.... प्रदीप शर्मा ने है अपना दिल तो आवारा....विजय हल्दानिया ने हमे तुमसे प्यार कितना....प्रकाश जेठरा ने दर्दे दिल दर्दे जिगर.... ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया ।
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