माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म : महंत हनुमानराम
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने लोगों को लुभाया
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। ताराचन्द हुन्दलदास खानचन्दानी सेवा संस्थान, अजमेर द्वारा श्री अमरापुर सेवा घर वृद्धाश्रम व प्रशिक्षण केन्द्र में सालाना जलसा प्रगति नगर कोटड़ा पर शांतानन्द उदासीन आश्रम के महंत हनुमानराम, संरक्षक अमोलक खानचन्दानी व अमेरिका से आए निर्मला खानचन्दानी, घनश्याम दास-रेणु, महेश तेजवानी-रोमा, विजय मनसुखानी-राजेश्वरी, सुनिता, पूनम खानचन्दानी सहित परिवारजन के साथ प्रबुद्धजन, संगठन व आवासीयों ने हर्ष उल्लास के साथ मनाया।
महंत हनुमानराम ने अपने प्रवचनों में कहां कि माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म यह सोभाग्य इस संस्थान से जुड़े सभी ट्रस्टीयों को मिल रहा है।
इस अवसर पर राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत व पूर्व उपसभापति संपत सांखला भी सम्मानीय उपस्थित रही एवं कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के ओएसडी राजीव दत्त ने कहा कि हर समाज को सेवा कार्यों में आगे बढ़चढ़कर भाग लेना चाहिए।
कंवल प्रकाश किशनानी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में वार्षिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि इन दो वर्षों में आश्रम में वृद्धाश्रम के साथ सिलाई, बुनाई, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, बच्चों की शिक्षा, कन्यों को विवाह में सहयो जैसे अनेंकों कार्य भामाशाहों के सहयोग के संचालित किए है। आवासीयों को भोजन व रहने के साथ उनकी सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियों में भी योगदान रहा है। समय-समय पर उनको धाार्मिक भ्रमण भी करवाया जाता है।
कार्यक्रम के प्रांरभ में आराध्य देव झूलेलाल के समक्ष जोत प्रज्जवलित कर आरती का आयोजन किया गया, सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूलेलाल मण्डली की प्रमुख सीमा पमनानी व मण्डली द्वारा झूलेलाल पर अपनी प्रस्तुतियां दी जिसमें अज त मुंझोलाल आयो, डीदों सभनी के डीदों लाल उडेरों डीदों के कमला तारा हरपलानी, जस्सी दादी व अन्य ने अपनी गीतों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में शंकर बदलानी को सम्मान भी किया गया। संचालन हरी चन्दनानी, धन्यवाद गिरधर तेजवानी व स्वागत भाषण दिनेश मुरजानी द्वारा किया गया। वित्तीय जानकारी सुनील खानचन्दानी द्वारा दी गई। इस अवसर पर ट्रस्टी मोती तेजवानी, जीडी वरिंदानी, रमेश मेंघानी, डाॅ. भरत छबलानी, महेन्द्र कुमार तीर्थानी, हरीराम कोडवानी, रमेश टिलवानी, प्रेम केवलरमानी, ललित लौंगानी, ओमप्रकाश हीरानन्दानी, जगदीश अभिचंदानी, लाल नथानी, तुलसी सोनी, गिरिश लालवानी, प्रकाश जेठरा, दयाल शेवानी, प्रकाश हिंगोरानी, नारी बच्चानी, ईसर बम्बानी, जेठानंद बालानी, जीवत गिदवानी, महेश बदलानी, हरीश हिंगोरानी, दयाल प्रयानी सहित प्रबुद्ध उपस्थित थे।
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