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अजयमेरु प्रेस क्लब : लता मंगेशकर को गीतों भरी श्रद्धांजलि दी

अजयमेरु प्रेस क्लब : लता मंगेशकर को गीतों भरी श्रद्धांजलि दी

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजयमेरु प्रेस क्लब में शनिवार को भारतीय फिल्म जगत की स्वर सम्राज्ञी स्वर्गीय लता मंगेशकर को गीतों भरी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । 6 फरवरी को उनकी दूसरी पुण्यतिथि थी । उसी क्रम में अजयमेरु प्रेस क्लब के सदस्यों और उनकी पत्नियों ने लता के गाए गीत गाकर श्रद्धांजलि दी ।
अजयमेरु प्रेस क्लब : लता मंगेशकर को गीतों भरी श्रद्धांजलि दी

अजयमेरु प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.रमेश अग्रवाल ने " ए मालिक तेरे बंदे हम " गीत गाया । पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह सनकत ने " तू चंदा मैं चांदनी " जैसा क्लासिकल गीत सुना कर सभी की दाद बटोरी । वैशाली वैद्य ने " तेरी आंखों के सिवा दुनिया में " गीत अपनी सुरीली आवाज में सुनाया तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।

क्लब के सचिव गुरजेन्द्र सिंह विर्दी ने लता के चार गीतों की मेडली सुनाई तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए । गीत समाप्ति पर उन्हें स्टेंडिंग ओवेशन मिला । वरिष्ठ सदस्य सूर्य प्रकाश गांधी ने " मैं ना भूलूंगी , मैं ना भूलूंगा " गीत सुनाया । आभा शुक्ला ने अनपढ़ मूवी का लोकप्रिय गीत , "आपकी नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे" सुनाया तो महिला सदस्यों ने उनके सुर में सुर मिलाते हुए गीत गाना शुरू कर दिया ।

सांस्कृतिक आयोजन समिति के संयोजक आलम नवाज़ ने " जिंदगी की ना टूटे लड़ी " सुनाया तो हाॅल तालियों से गूंज उठा । सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति के सहसंयोजक हेमंत शर्मा और उनकी पत्नी रक्षा शर्मा ने अपनी सुरीली आवाज़ में युगल गीत " दिल की गिरह खोल दो " सुनाया तो सभागार फिर तालियों से गूंज उठा । अमित टंडन ने " छोड़ दे  सारी दुनिया किसी के लिए " सुनाया तो श्रोता उनकी आवाज़ के कायल हो गए । प्रदीप गुप्ता ने " मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी " सुनाकर सभी का दिल जीत लिया ।

कार्यक्रम का आगाज़ विजय कुमार हंसराजानी ने लता जी के एक बेहतरीन और मुश्किल गीत " मैं जिस दिन भुला दूंगा " से किया । सैय्यद मोहम्मद सलीम ने " रहे ना रहे हम " शरद कुमार शर्मा ने "माई री मैं कासे कहूं " सुनाया । राकेश परिहार के पांव में फ्रेक्चर और प्लास्टर चढ़ा होने के बावजूद कार्यक्रम में आए और एक शानदार गीत " तेरा जाना दिल के अरमानों " गाकर लता को गीतांजलि दी । उनके जज्बे को सभी सदस्यों ने सलाम किया ।

कृष्ण गोपाल पाराशर ने एक युगल गीत "दिल तो पागल है , दिल दीवाना है "सुनाया तो सभी उनकी कला की तारीफ किए बगैर नहीं रहे । उन्होंने अपने मुंह से फीमेल और मेल दोनों ही आवाजें बखूबी निकाल ली । रक्षा शर्मा ने अपनी मधुर आवाज़ में एकल गीत" आएगा आएगा आने वाला आएगा" सुनाया तो सभी को लता जी की सुरीली आवाज का एहसास हुआ । अब्दुल सलाम कुरेशी ने "बेदर्दी बालमा तुझको मेरा" सुनाया । अरविन्द शुक्ला ने आखिर में "तुमको ये शिकायत है कि कुछ नहीं" सुनाया । शालिनी जैन ने "आजकल पांव नहीं पड़ते मेरे जमीं पर" सुनाया । मुकेश परिहार ने संगम फिल्म का गीत "ओ मेरे सनम" सुनाया ।

क्लब के अध्यक्ष राजेन्द्र गुंजल ने लता का अजमेर से जुड़ा किस्सा सुनाकर मुंबई निवासी रेलवे के सेवानिवृत्त वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी गजानन महतपुरकर के द्वारा भेजी गई लता को समर्पित काव्यात्मक श्रद्धांजलि सुनाई।

कार्यक्रम के शुरू में अजयमेरु प्रेस क्लब के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने लता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की । संस्थापक अध्यक्ष डॉ रमेश अग्रवाल ने लता जी के जीवन के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में आई ए एस अधिकारी स्नेह लता पंवार खास मेहमान के रूप में उपस्थित थीं । कार्यक्रम का संचालन प्रताप सिंह सनकत और अमित टंडन ने संयुक्त रूप से किया । अंत में क्लब के वरिष्ठ सदस्य अपार सिंह कलसी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।

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