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पद्माश्री पुरस्कार से सम्मानित विश्व विख्यात प्रो. राम पंजवानी मधुर आवाज के धनी थे : दौलतानी

मधुर आवाज के कारण सिन्धी समाज के प्रोफेसर पंजवानी विश्व विख्यात हुए    

पद्माश्री पुरस्कार से सम्मानित विश्व विख्यात प्रो. राम पंजवानी मधुर आवाज के धनी थे : दौलतानी

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
प्राचीन सिन्धी शिव मन्दिर सेवा ट्रस्ट गंज अजमेर एवं पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर की ओर से सिन्धी समाज के जाने माने लेखक, लोक गीत कार, गायक, विख्यात प्रोफेसर राम पंजवानी की जयंती के अवसर पर नमन किया गया। 

पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए प्राचीन सिन्धी शिव मन्दिर गंज में बताया कि प्रोफेसर राम पंजवानी द्वारा मटकी रखकर उसको तबले के रूप में बजाकर गाने के कारण वे अपनी मधुर आवाज एवं स्वर के कारण अधिक विख्यात हुए और उनकी यह पहचान देश विदेश में बन गई। प्रो पंजवानी ने देश विदेश में जाकर सिन्धियत का प्रचार प्रसार किया और अनेक पुस्तकों का समापदन किया और प्रकाशन करवाया साथ ही देश विदेश में सिन्धी गीतो, लाडो एवं भजनो को गाकर राम पंजवानी ने अपनी पहचान बनाई। महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि राम पंजवानी का जन्म 20 नवम्बर 1911 को सिन्ध वर्तमान पाकिस्तान के लाडकाने में हुआ था और निधन चण्डीगढ में 31 मार्च 1987 को हुआ था।प्रोफेसर राम पंजवानी को भारत सरकार द्वारा पद्माश्री अवार्ड के अतिरिक्त साहित्य अकादमी के अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। 

प्रोफेसर राम पंजवानी को जयंती के अवसर पर उनको नमन करने वालो में कार्यकारी अध्यक्ष ताराचन्द लालवानी, महासचिव रमेश लालवानी, प्रदीप दौलतानी, वाशी हरवानी, गोविन्द लालवानी, लक्ष्मणदास दौलतानी, किशन चन्द आदि प्रमुख है। इस अवसर पर पण्डित दामोदर दाधीच के नेतृत्व में महाआरती पूजन करके प्रोफेसर राम पंजवानी को नमन किया गया। वरिष्ठ पत्रकार राजेश लालवानी और समाज सेवी लत्ता भैरूमल बच्चानी ने बताया कि प्रोफेसर राम पंजवानी के लाडे आज भी सिन्धी समजा में गाये जाते हैं ।  

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