अजमेर (अजमेर मुस्कान)। पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के तत्वावधान में सिन्ध के महान सन्त योगीराज स्वामी लीलाशाह के समृति दिवस पर उनको नमन किया गया और उनके जीवन से समाज की उन्नति में प्रेरणा लेने की अपील की गई।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश लालवानी और पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि वैदिक सन्त शिरोमणी, कर्मयोगी, समाज उन्नयनकर्ता कहलाने वाले स्वामी लीलाशाह का जन्म सिन्ध के हैदराबाद के टांडा बागा तालुकाके छोटे गांव मेहराब चान्दना में पिता टोपनदा व माता हेमीबई के परिवार में मार्च 1880 में हुआ था। उनके गुरू वैदिक आचार्य सन्त केशवराम थे।
पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी और कार्यकारी अध्यक्ष किशोर विधानी ने बताया कि स्वामी लीलाशाह ने सामूहिक विवाह प्रथा को बडावा दिया,दहेज प्रथा का विरोध किया, तत्व ज्ञान पत्रिका का प्रकाशन करवाया, देश विदेश में अनेक विद्यालय, गौ शालाऐं, धर्मशालाऐं, चिकित्सालय, पुस्तकालय, सत्संग भवन सहित अनेक समाज सुधार के कार्य प्रारम्भ किये। लत्ता भैरूमल बच्चानी और राजेश झूरानी ने बताया कि स्वामी लीलाशाह ने हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तर काशी, कश्मीर, तिब्बत, हिमालय पर तपस्या की एवं वेद का प्रचार किया। विभाजन के पश्चात अहमदाबाद, अलवर, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, आगरा, मुम्बई, बडोदरा और गांधीधाम में भ्रमण करके समाज सुधार के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये। रमेश लालवानी ने बताया कि स्वामी लीलाशाह की समाधी गांधीधाम के आदिपुर में बनी हुई है और विशाल आश्रम भी बना हुआ है।देश विदेश में स्वामी लीलाशाह की पुण्य तिथि पर अनेक आयोजन किये जा रहे है।
पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के अध्यक्ष भागचन्द दौलतानी, कार्यकारी अध्यक्ष किशोर विधानी, उपाध्यक्ष ताराचन्द लालवानी, राजेश झूरानी, गोविन्द लालवानी, राधाकिशन दौलतानी आदि ने प्राचीन सिन्धी शिव मन्दिर गंज में स्वमी लीलाशाह को उनके स्मृति दिवस निर्वाण तिथि के अवसर पर नमन किया।
0 टिप्पणियाँ