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सिन्धी समाज : सफर पोई अरबा आज



अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
3 बेटियों के बाद जब बेटे का जन्म होता है उसे तीखर कहा जाता है, जरूरी नहीं कि बेटा ही तीखर होता है अगर तीन पुत्रों के बाद बेटी का जन्म होता है वो भी तीखर होती है, तीखर बच्चों को दाएं पैर में चांदी की कड़ी पहनाई जाती है, इस चांदी की कड़ी को हर साल सफर के महीने के आखरी बुधवार यानी अमावस्या से पहले वाले बुधवार को दरिया पर अखो- कच्चे चावल, चीनी, दूध और फल एक अखो बनाते हैं, जिसे नदियों के देवता दरियालाल/वरुण देव की पूजा करने के लिए किसी भी जल निकाय जैसे समुद्र, नदी, झील या यहां तक ​​कि हैंडपंप या नल में चढ़ाया जाता है। सिंधी हर सुबह प्रार्थना के बाद किसी भी सुविधाजनक जल स्रोत पर अखो अर्पित करते हैं। पल्लव पहनकर चांदी की कड़ी पहनाई जाती है।

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