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राजस्थान मिशन 2030 : राजकीय देवनारायण आवासीय विद्यालय के हितधारकों साथ गहन चर्चा सत्र आयोजित

राजस्थान मिशन 2030 : राजकीय देवनारायण आवासीय विद्यालय के हितधारकों साथ गहन चर्चा सत्र आयोजित

केकड़ी  (अजमेर मुस्कान) ।
राजस्थान मिशन 2030 के अन्तर्गत राजकीय देवनारायण आवासीय विद्यालय केकडी में हितधारकों, लाभार्थियों एवं आवासित छात्राओं एवं उनके परिजनों के साथ गहन चर्चा बैठक का आयोजन किया गया ।    सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिलाधिकारी इन्द्रजीत चांदोलिया ने बताया कि जिला आवासीय विद्यालय कक्षा 9 से कक्षा 12 तक की 134 छात्राओं एवं प्रधानाचार्य राधेश्याम कुमावत मय स्टाफ तथा 11 परिजनों ने भाग लिया। इंद्रजीत द्वारा छात्राओं को सम्बोधित करते हुए मिशन 2030 का परिचय देते हुए इसकी महत्वता पर प्रकाश डाला और छात्राओ से चर्चा कर सुझाव आमंत्रित किये।

उन्होंने बताया कि बालिकाओं  एवं विद्यालय स्टाफ द्वारा दिये गये सुझाव में  केकड़ी जिला बनने के पश्चात सरकारी नवीन संस्थानों एवं काॅलेजों के लिये भूमि आवासीय विद्यालय के आसपास ही आवंटित की गई है, जिससे भविष्य में छात्राओं की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्री वाॅल को 5 फीट ओर ऊँचा किया जाना आवश्यक है।आवासीय विद्यालयों में आवासित छात्र एवं छात्राओं को पूर्व मैट्रिक छात्रवृति प्रदान की जानी चाहिए।विभागीय छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों में आवासित पालनहार योजना के पात्र छात्र एवं छात्राओं को पालनहार योजना का लाभ नही मिलता है। अतः इन्हें पालनहार योजना से लाभान्वित किया जाना चाहिए।आवासीय विद्यालयों में एनसीसी एवं एनएसएस गतिविधियों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए। केकड़ी आवासीय विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों एवं कर्मचारियों हेतु आवास सुविधा उपलब्ध नही है। अतः आवास क्वार्टर का निर्माण करवाया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही भविष्य में तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी दक्षता का महत्व अधिक बढ़ जाने के कारण आवासीय विद्यालय के समस्त कक्षों को स्मार्ट क्लासरूम में परिवर्तित किये जाने की आवश्यकता है ।

नवोदय विद्यालय की भाँति आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को भी अन्य जिलों के आवासीय विद्यालयो में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक ज्ञानार्जन एवं भ्रमण हेतु भेजा जाना चाहिए। आवासीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा एवं आत्मरक्षा कक्षाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए। आवासीय विद्यालयों में वर्तमान में 233 छात्राऐं निवासरत व अध्ययनरत है। बालिकाओं के अचानक तबीयत खराब होने पर चिकित्सा सुविधा हेतु 5 किलोमीटर दूर राजकीय जिला चिकित्सालय जाना पड़ता है। आवासीय विद्यालय की लोकेशन सुनसान इलाके में होने के कारण रात्रिकाल में यह दूरी और भयावह हो जाती है। अतः एक महिला मेडिकल स्टाफ को नियमित रूप से नियुक्त किया जाना चाहिए। वर्तमान में विद्यालय में कला संकाय ही संचालित है, इसके अतिरिक्त विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय संचालित नही होने के कारण बालिकाओं को अन्यत्र प्रवेश लेना पड़ता है। अतः कला संकाय के साथ विज्ञान, कृषि विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय भी प्रारंभ किया जाना आवश्यक है। विद्यालय एवं छात्रावास परिसर में विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से हो सके इसके लिये सौलर पैनल, पावर जनरेटर इत्यादि की व्यवस्था की जानी चाहिए। अंशकालीन रसोईयों एवं चैकीदारो द्वारा स्वयं को कुशल कार्मिक मानकर मानदेय भुगतान बढ़ाये जाने की आवश्यकता व्यक्त की गई है । राजकीय देवनारायण बालिका आवासीय विद्यालय, केकड़ी बालिका विद्यालय है। अतः बालिकाओं में कला संकाय में गृह विज्ञान व चित्रकला विषय के प्रति रुचि रहती है अतः इन विषयों को भी सम्मिलित किया जाना आवश्यक है। इस प्रकार अनेक सुझाव प्राप्त किए गए।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी, शिक्षक , विद्यार्थीगण तथा परिजन उपस्थित रहे।

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