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हिंदी मेरी शान हिंदी से मेरा अभिमान

साहित्यधारा में साहित्यकारों ने हिंदी का किया गुणगान

हिंदी मेरी शान हिंदी से मेरा अभिमान

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजयमेरू प्रेस क्लब की मासिक साहित्यधारा में इस बार विशिष्ट कवि के तौर पर उत्तरप्रदेश से युवा गीतकार रामायणधर द्विवेदी आए। उन्होंने किस तरह पेड़ फूले फले जब जड़ें डालियों से जलें, अगर मगर कर समय बिताना छोड़िए और यशोधरा की खुशियों पर क्यूं दाव लगाया जैसे सरस गीत गुनगुनाकर सबको अभिभूत कर दिया। गौरव दुबे ने गोलियां उनको जो शर्म बेच खाए हैं, संयोजन कर रहे उमेश कुमार चौरसिया ने अहिल्या की व्यथा कथा क्या एक युग को कथा थी और संचालन करते हुए डॉ पूनम पांडे ने रसोई के भाव काव्यरूप में व्यक्त किए। जगप्रकाश मंजुल ने मुक्तक, संदीप पांडे शिष्य ने भजन तथा भावना शर्मा, ओमप्रकाश चाष्टा, शुभदा भार्गव, पुष्पा क्षेत्रपाल, मंजू माथुर और डॉ के के शर्मा ने हिंदी भाषा को महिमा का गान किया। डॉ महिमा श्रीवास्तव ने कविता और प्रतिभा जोशी ने शायरी सुनाई। साथ ही हिंदी भाषा के गौरव विषय पर केंद्रित इस गोष्ठी में शहर के अन्य अनेक युवा और वरिष्ठ साहित्यकारों ने भी भागीदारी की।

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