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शिक्षक दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन

शिक्षक दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। आधुनिक ज्ञान के साथ ही प्राचीन काल मे ऋषियों मुनियों द्वारा दिए गए वैदिक ज्ञान को अपनाना भी आवश्यक है। एक शिक्षक वह व्यक्ति है जो ज्ञान का प्रसार करें और उस ज्ञान के प्रकाश से सम्पूर्ण समाज आलोकित हो। यही शिक्षा की सार्थकता है। यह कहना था  राजस्थान के महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र का जो राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षक दिवस पर आयोजित विशेष समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित कर रहे थे। 

राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिक्षक दिवस मनाए जाने की महत्ता के बारे में बताया। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जिक्र करते हुए कहा कि वे शिक्षकों को इतना सम्मान देते थे। जब उनके विद्यार्थियों ने उन्हे जन्मदिन मनाने का आग्रह किया तो उन्होंने कहा की अगर इस दिन को मनाना ही है तो इसे शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।  तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। उन्होंने आगे कहा कि यह दिवस हमें अपनी शिक्षा से जुड़ी संस्कृति का सम्मान करने की प्रेरणा देता है।  शिक्षकों के बताए आदर्श पाठ पर चलते हुए उज्ज्वल भविष्य के संवाहक बने। 

उन्होंने राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय को हाल ही में नैक द्वारा ए प्लस प्लस मान्यता प्राप्त होने व यूजीसी द्वारा श्रेणी प्रथम विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों के ज्ञान, समर्पण और उत्कृष्टता का परिणाम है। संविधान की प्रस्तावना का सभी को पाठ कराया। मूल कर्तव्य को भी समझाया। स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। 

इस अवसर पर राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति है जो विद्यार्थियों को शिक्षण के अभ्यास के माध्यम से ज्ञान और क्षमता प्राप्त करने में मदद करता है। शिक्षक हमें अच्छे इंसान, समाज के एक बेहतर सदस्य और देश का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करते  है। इसलिए शिक्षकों का सम्मान किया जाना चाहिए। निर्माण शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है। वेदों के अनुसार सबसे अच्छे शिक्षक विद्यार्थियों को महान गुणों वाले योग्य नागरिक बनाते है। आज हमारे शिक्षकों की कड़ी मेहनत और कार्य के प्रति समर्पण को स्वीकार करने और सराहना करने का दिन है। शिक्षकों ने हमारे दिमाग को आकार देने और सफलता के मार्ग पर हमारा मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण और रचनात्मक भूमिका निभाई है। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय योग्य, निपुण एवं कुशल शिक्षकों से समृद्ध है। इसके कारण विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होती है। यहाँ के शिक्षकों और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के अथक प्रयास के परिणामस्वरूप ही इस वर्ष नैक द्वारा किये गये मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को 3.54 सीजीपीए के साथ ए पल्स प्लस यह की मान्यता प्राप्त हुई। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान राज्य का  एक मात्रा सरकारी विश्वविद्यालय है जिसे यह मान्यता प्राप्त है। पूरे देश में केवल 16 विश्वविद्यालयों को दूसरे चरण में ए प्लस प्लस ़ प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही यूजीसी द्वारा राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय को प्रथम श्रेणी विश्वविद्यालय की मान्यता भी प्रदान की गई है। यह राजस्थान का राज्य का एक मात्रा विश्वविद्यालय है। 

उन्होंने राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रथम बार शुरू किए जा रहे शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार के बारे में जानकारी दी। यह एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो पूरे राजस्थान में उच्च शिक्षण संस्थानों के उत्कृष्ट शिक्षकों को दिया जाएगा। जिन्होंने अपने अभिनव शिक्षण गतिविधियों, अनुसंधान, नैतिक आचरण, शिक्षाविदों के प्रति प्रतिबद्धता और सामुदायिक सेवा के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूम से प्रभावित किया है।  इस पुरस्कार का उद्देश्य उन शिक्षकों के अथक प्रयासों को पहचानना और सराहना करना है । शिक्षा के माध्यम से भविष्य को आकार देने के लिए अनुकरणीय समर्पण, नवाचार और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है । 

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार तीन शिक्षकों को दिया गया। मानविकी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक की श्रेणी में शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार संगीत के क्षेत्रा मे उल्लेखनीय योगदान के लिए डाॅ.दुष्यंत त्रिपाठी को दिया गया जो एसडी राजकीय महाविद्यालय ब्यावर में संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। विज्ञान के शिक्षक की श्रेणी में शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार गणित के क्षेत्रा मेेें उल्लेखनीय योगदान के लिए एमएनआईटी जयपुर में गणित विभाग की सहायक प्रोफेसर डाॅ. प्रियंका हरजुले को दिया गया। व्यावसायिक कार्यक्रमों के शिक्षक की श्रेणी में शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्रा मे उल्लेखनीय योगदान के लिए आईआईटी जोधपुर की सह प्राचार्य डाॅ. साक्षी धानेकर को दिया गया।  इन्हें पुरस्कार स्वरूप एक शाॅल, बुके, साइटैशन प्लक और 25 हजार  रुपए की राशि का चेक दिया गया। शिक्षक दिवस के अवसर पर राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय से उत्तम शिक्षक का पुरस्कार पर्यावरण विभाग के प्रा.े एल. क.े शर्मा को  और उत्तम शोधार्थी का पुरस्कार जैव रसायन विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. विश्वनाथ तिवारी को दिया गया। 

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति भी मौजूद थे जिन्होंने शिक्षक दिवस पर अपने विचार सभी के साझा किए ।

राजस्थान के 200 वर्ष के स्वतंत्राता संग्राम पर आयोजित प्रदर्शिनी और विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर आयोजित प्रदर्शिनी का अवलोकन भी महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन  विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रदीप अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. गरिमा कौशिक, डाॅ. उमेश गुप्ता तथा डाॅ. जय कृतिका ओझा ने किया ।

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